Dhyan Chand Birthday: जानिए हॉकी की दुनिया के सबसे करिश्माई खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद से जुड़ी दस खास बातें…

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10 intresting facts about world's greatest hockey player major dhyan chand

Dhyan Chand Birthday:  29 अगस्त के दिन हॉकी की दुनिया के सबसे बड़े जादूगर खिलाड़ी  मेजर ध्यानचंद का 115वां जन्मदिन है। सन 1905 में 29 अगस्त के दिन इस महान खिलाड़ी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था। उनके जन्मदिन को भारत हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाता है।

ध्यानचंद हॉकी के सबसे उम्दा खिलाड़ियों में से एक थे। ध्यानचंद (Dhyan Chand) को लोग प्यार से दद्दा कहकर संबोधित करते थे। मेजर ध्यानचंद ने भारत को ओलंपिक में 3 स्वर्ण पदक दिलवाए थे। उन्होंने 42 वर्ष की आयु तक हॉकी खेला और साल 1948 में हॉकी से संन्यास ले लिया था।


हॉकी की दुनिया में आज तक ध्‍यानचंद जैसा खिलाड़ी कोई नहीं हुआ। मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के दिन हर साल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न के अलावा अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार दिए जाते हैं। आज ध्यानचंद के जन्‍मदिन से पहले जानिए उनके जीवन से जुड़ी 10 खास बातें:-

1. ध्यान चंद ने महज 16 साल की उम्र में ही इंडियन आर्मी ज्वाइन कर ली थी, आर्मी में भर्ती होने के बाद उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया। ध्यान चंद घंटोंतक प्रैक्टिस किया करते थे। यहां तक की देर रात तक वो प्रैक्टिस किया करते थे, रात में प्रैक्टिस करने की वजह से ही उनके साथियों ने उनका नाम चांद रख दिया था।

2. साल 1928 में एम्सटर्डम में हुए ओलिंपिक खेलों में मेजर ध्यानचंद भारत की ओर से सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी रहे। उस टूर्नामेंट में ध्यान चंद ने कुल 14 गोल किए थे। एम्सटर्डम के एक स्थानीय समाचार पत्र में लिखा था, ‘यह हॉकी नहीं बल्कि जादू था और ध्यानचंद हॉकी के जादूगर हैं।’


3. विएना के एक फेमस स्पोर्ट्स क्लब में मेजर ध्यानचंद के चार हाथों वाली मूर्ति लगी है, उनके हाथों में हॉकी स्टिक हैं। यह मूर्ति इस बात को बखूबी साबित करती है कि उनकी हॉकी में वाकई कमाल का जादू था।

4.  मेजर ध्यानचंद ने साल 1928, 1932 और 1936 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और तीनों ही बार भारत ने ओलिंपिक में गोल्ड मेडल कब्जाया।

5. ध्यानचंद के शानदार खेल को देख दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह हिटलर ने उन्हें डिनर के लिए आमंत्रित किया था। जर्मन तानाशाह ने उन्हें जर्मनी की फौज में बड़े पद की पेशकश की। लेकिन ध्यानचंद ने उसे ठुकराते हुए हिटलर को दो टूक अंदाज में जवाब दिया, ‘हिंदुस्तान ही मेरा वतन है और मैं उसी के लिए आजीवन हॉकी खेलता रहूंगा।’

6. दुनिया के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में शुमार मेजर ध्यान चंद ने अतंरराष्ट्रीय हॉकी में 400 गोल दागे। 22 साल के हॉकी करियर में उन्होंने अपने खेल से पूरी दुनिया को अपने खेल का कायल बना लिया था।

7. क्रिकेट की दुनिया के सबसे बड़े बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन ने साल 1935 में एडिलेड में ध्यानचंद से मुलाकात की। ध्यान चंद को खेलते देख, ब्रैडमैन ने कहा कि ध्यान चंद इस तरह गोल करते हैं जैसे क्रिकेट में रन बनते हैं।

8. 1932 के ओलिंपिक फाइनल में भारत ने अमेरिका को 24-1 से हराया था। उस मैच में ध्यानचंद ने 8 गोल दागे ए थे। वहीं उनके भाई रूप सिंह ने 10 गोल किए थे। उस टूर्नामेंट में भारत की ओर से किए गए 35 गोलों में से 25 गोल दो भाइयों की जोड़ी ने किए थे।

9. रूप सिंह (15 गोल) और मेजर ध्यान चंद (10 गोल)। (एक मैच में 24 गोल दागने का 86 साल पुराना यह रिकॉर्ड भारतीय हॉकी टीम ने इंडोनेशिया में जारी एशियाई खेलों में हाल ही में तोड़ा है। हाल ही में भारत ने हॉन्ग कॉन्ग को 26-0 से मात देकर यह रिकॉर्ड तोड़ा।)

10. मेजर के बारे में एक किस्सा काफी मशहूर है कि जब बॉल उनके पास होती थी तो कोई और उनसे बॉल नहीं छीन पाता था। वे अपनी हॉकी कला में इतने माहिर थे कि एक बार हॉलैंड में एक मैच के दौरान कुछ लोगों को शक हुआ कि मेजर की हॉकी में चुंबक लगा हुआ है जिसके कारण उनकी हॉकी तुड़वा कर देखी गई थी।

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