मैट्रिक के बाद कौन-सी स्ट्रीम लेना होगा बेहतर, जानें साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स विषयों के बारे में

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मैट्रिक के बाद कौन-सी स्ट्रीम लेना होगा बेहतर, जानें साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स विषयों के बारे में

मैट्रिक के रिजल्ट आ चुके हैं। मैट्रिक तक तो सभी छात्रों के विषय समान होते हैं मगर इससे आगे की पढ़ाई में कई रास्ते खुलते हैं। मैट्रिक के बाद सभी छात्रों के सामने यह सवाल होता है कि आगे की पढ़ाई किस स्ट्रीम से की जाए। कई छात्र इस दुविधा में रहते हैं के आगे किस स्ट्रीम में जाएं। ऐसे में अपने दिमाग में सबसे पहले ये सेट कर लें कि आपका इंटरेस्ट किस विषय में है। भविष्य में आप क्या बनना चाहते हैं। उस हिसाब से आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस स्ट्रीम का चुनाव करें। करियर चुनने से पहले करियर काउंसलर की मदद से बच्चे का एप्टिट्यूड टेस्ट और करियर इंटरेस्ट टेस्ट जरूर कराएं।

अक्सर ज्यादातर छात्र सोचते हैं कि कॉमर्स और साइंस में आगे काफी स्कोप है लेकिन आर्ट्स में नहीं है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो बता दें ऐसा बिल्कुल नहीं है। आप स्ट्रीम चाहे कोई भी लें, फ्यूचर हर स्ट्रीम में है। इसलिए अपने लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए किस विषय को पढ़ना ठीक होगा इसके लिए अपने टीचर्स या दोस्तों से बात करें।


अगर आपको कुछ भी समझ नहीं आ रहा है तो आप करियर काउंसलर की मदद ले सकते हैं। उनसे बात करके डिसाइड करें कि आपके फ्यूचर के लिए कौन सी स्ट्रीम बेस्ट है। अगर आपके 10वीं में 90% मार्क्‍स आएं हैं और आपको आसानी से साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम मिल सकती है, लेकिन आपका इंटरेस्ट आर्ट्स में है तो बिना लोगों की परवाह किए आर्ट्स स्ट्रीम को चुन लें। क्योंकि आप जानते हैं जितना बेहतर आप आर्ट्स में कर पाएंगे उतना साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम में नहीं कर पाएंगे।

साइंस स्ट्रीम: साइंस स्ट्रीम में जाने वाले स्टूडेंट्स को इंग्लिश, फिजिक्स और केमिस्ट्री अनिवार्य सब्जेक्ट के रूप में लेने होते हैं। इसके अलावा, उनके पास चॉइस होती है कि वे एक वोकेशनल सब्जेक्ट के साथ बायॉलजी चुन लें या एक वोकेशनल सब्जेक्ट के साथ मैथ्स लें। वे बिना वोकेशनल सब्जेक्ट के बायॉलजी और मैथ्स भी चुन सकते हैं। जिन स्टूडेंट्स ने यह तय कर लिया है कि उन्हें 12वीं के बाद इंजिनियरिंग करनी है, उन्हें मैथ्स चुनना चाहिए। जो मेडिकल लाइन में जाना चाहते हैं, उन्हें बायॉलजी रखनी चाहिए। अगर किसी को बायोटेक्नॉलजी या नैनोटेक्नॉलजी जैसा कोई तकनीकी कोर्स करना है तो उसे फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायॉलजी का कॉम्बिनेशन लेना चाहिए।

कॉमर्स स्ट्रीम: कॉमर्स स्ट्रीम में जाने वाले स्टूडेंट्स को अकाउंट्स, बिजनेस स्टडीज, इंग्लिश, इकनॉमिक्स सब्जेक्ट पढ़ने होते हैं। इसके अलावा मैथ्स ले सकते हैं और अगर मैथ्स लेना नहीं चाहते, तो इसकी जगह सोश्यॉलजी या साइकॉलजी में से कोई एक सब्जेक्ट ले सकते हैं।


ह्यूमैनिटीज (आर्ट्स): इसमें कंपलसरी सब्जेक्ट हैं इंग्लिश और एक सेकंड लैंग्वेज जैसे फ्रेंच, संस्कृत या हिंदी। ऑप्शनल सब्जेक्ट में शामिल हैं : पॉलिटिकल साइंस, सोश्यॉलजी, ज्यॉग्रफी, साइकॉलजी, इकनॉमिक्स, हिस्ट्री आदि।

इन बातों का रखें ध्यान

  1. पांचवें सब्जेक्ट का चुनाव करते वक्त स्टूडेंट्स काफी एक्स्पेरिमेंट भी करते हैं। जैसे साइंस स्ट्रीम वाले इकनॉमिक्स या साइकॉलजी ले लेते हैं। आर्ट्स वाले मैथ्स, साइकॉलजी और इकनॉमिक्स ले लेते हैं।
  2. 11वीं ही नहीं, किसी भी कोर्स में सब्जेक्ट चुनते वक्त एक नियम का ध्यान हमेशा रखना चाहिए। यह नियम है सब्जेक्ट में दिलचस्पी और स्टूडेंट की उसमें परफॉर्मेंस। जिस सब्जेक्ट में दिलचस्पी हो, उसे ही चुनें। कोई भी सब्जेक्ट दोस्तों या दूसरों की देखादेखी न चुनें। अगर किसी सब्जेक्ट में आप आगे की पढ़ाई करने या करियर बनाने को लेकर ज्यादा उत्सुक नहीं हैं, तो उस सब्जेक्ट को चुनने का कोई मतलब नहीं है।
  3. किसी भी कॉम्बिनेशन को चुनते वक्त आमतौर पर यह देखा जाता है कि इसे लेने से हमारे सामने कौन-से रास्ते खुल रहे हैं। यह देखना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण यह देखना भी है कि इस कॉम्बिनेशन को लेने से आपके कौन-से रास्ते बंद हो जाएंगे।
  4. 11वीं के बच्चे मोटे तौर पर यह फैसला नहीं कर पाते कि उन्हें आगे करना क्या है। किसी एक चीज को चुनना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में बेहतर है कि अपनी पसंद के पांच ऑप्शन चुन लें और फिर ऐसे कॉम्बिनेशन लें जिनसे ये पांच रास्ते बंद न होते हों।

 

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