शिक्षक नियुक्ति में 13 प्वाइंट बनाम 200 प्वाइंट रोस्टर विवाद- जानें क्या है वजह

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शिक्षक नियुक्ति में 13 प्वाइंट बनाम 200 प्वाइंट रोस्टर विवाद- जानें क्या है वजह

देश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की बहाली पर SC, ST और OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए नए नियम 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही ठहराए जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। सर्वोच्च न्यायलय के इस फैसले को आरक्षण के सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए केंद्र सरकार के सहयोगी दल समेत तमाम विपक्षी दल सरकार से इस फैसले को पलटने के लिए संविधान में संशोधन की मांग कर रहे हैं।

किस बात से डर रहे हैं SC/ST/OBC वर्ग के छात्र?


देश के विश्वविद्यालयो में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण की व्यवस्था थी। इस व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालय को एक यूनिट माना जाता था। जिसके तहत 1 से 200 पद के लिए 49.5 फीसदी आरक्षित वर्ग और 50.5 फीसदी अनारक्षित वर्ग के हिसाब से भर्ती की व्यवस्था की गई थी। यूनिवर्सिटी को एक यूनिट मानने से सभी वर्ग के उम्मीदवारों की भागिदारी सुनिश्चित हो पाती थी। लेकिन नए नियम यानी 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत विश्वविद्यालय को यूनिट मानने के बजाय विभाग को यूनिट माना गया। जिसके तहत पहला, दूसरा और तीसरा पद सामान्य वर्ग के लिए रखा गया है। जबकि चौथा पद OBC कैटेगरी के लिए, पांचवां और छठां पद सामान्य वर्ग। इसके बाद 7वां पद SC के लिए, 8वां पद OBC, फिर 9वां, 10वां, 11वां पद फिर सामान्य वर्ग के लिए. 12वां पद OBC के लिए, 13वां फिर सामान्य के लिए और 14वां पद SC के लिए आरक्षित होगा।

200 प्वाइंट रोस्टर के पक्ष में दलील   

दिल्ली विश्वविद्याल के श्याम लाल कॉलेज में इतिहास विभाग में पढ़ा रहे जितेंद्र कुमार मीणा कहते हैं कि 200 प्वाइंट रोस्टर और 13 प्वाइंट रोस्टर में ध्यान देने वाली बात यह है कि 13 प्वाइंट रोस्टर में 14 नंबर के बाद फिर 1,2,3,4 शुरू हो जाता है। जो 14 नंबर पर जाकर पुनः समाप्त हो जाता है। जबकि 200 प्वाइंट रोस्टर में 1 नंबर से पद शुरू होकर 200 नंबर तक जाता है। इस 200 नंबर के बाद फिर 1,2,3,4,5,6,7 से क्रम शुरू होता है और 200 नंबर तक जाता है। इस स्थिति में अनिवार्य रूप से ST, SC, OBC का पद क्रम आता है। मीणा ने कहा, ‘इस 200 प्वाइंट रोस्टर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और किसी भी विश्वविद्यालय को अनिवार्य रूप से यूनिवर्सिटी को यूनिट मानना पड़ता है। इस स्थिति में ST, SC, OBC के साथ लोकतांत्रिक, सामाजिक और संवैधानिक न्याय होता है। हमें इसी 200 प्वाइंट रोस्टर के लिए तब तक लड़ना है जब तक इसे इस देश सभी विश्वविद्यालयों में लागू न कर दिया जाए।’


200 प्वाइंट रोस्टर को बीएचयू के छात्र विवेकानंद तिवारी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 200 प्वाइंट की बजाय 13 प्वाइंट रोस्टर को विश्वविद्यालयों में लागू करने का फैसला सुनाया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि आरक्षण विभाग को ईकाई मानकर दिया जाए। इसके लिए 13 प्वाइंट का रोस्टर बना. इसके तहत चौथा पद OBC को, सातवां पद SC को, आठवां पद OBC के लिए निर्धारित है। 14वां पद अगर विभाग में आता है, तभी वह ST को मिलेगा। इनके अलावा सभी पद अनारक्षित घोषित कर दिए गए। अगर 13 प्वाइंट के रोस्टर के तहत आरक्षण को लागू कर भी दिया जाए तो भी असल आरक्षण 30% के आसपास ही रह जाएगा, लेकिन फिलहाल केंद्र सरकार की नौकरियों में SC-ST-OBC के लिए 49.5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है।

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