देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में बीते चार दिनों काफी हिंसा देखने को मिली। इस हिंसा और उपद्रव में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हैं। इसी बीच दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) पर हरियाणा सरकार में मंत्री रणजीत सिंह चौटाला (Ranjit Singh Chautala) ने निहायत ही संवेदनहीन बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसा जिंदगी का हिस्सा है।
दिल्ली हिंसा: जब दंगाइयों ने जला दिए 40 मुसलमानों के घर, हिंदुओं ने खोल दिए अपने दरवाजे
रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि दंगे तो होते रहते हैं। पहले भी होते रहे हैं, ऐसा नहीं है। साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के समय भी पूरी दिल्ली मेंजलती रही। It’s The Part Of Life. उन्होंने कहा कि दिल्ली हिंसा से संबंधित मामलों की जांच हो रही है और जज मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
#WATCH Haryana Minister Ranjit Chautala on #DelhiViolence: Dange toh hote rahe hain. Pehle bhi hote rahe hain, aisa nahi hai. Jab Indira Gandhi ka assassination hua, toh puri Delhi jalti rahi. Yeh toh part of life hai, jo hote rehte hain. pic.twitter.com/b2zeJRbfmp
— ANI (@ANI) February 27, 2020
अनिल विज ने कांग्रेस को ठहराया था जिम्मेदार
इससे पहले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने दिल्ली में हुई हिंसा और उपद्रव पर कहा था कि यह आग कांग्रेस द्वारा ही लगाई गई है। इन्होंने पूरे देश में लोगों को इसके खिलाफ भड़काया और अब जब इनके भड़काने के बाद आग लग चुकी है तो ये अपने घरों के झरोखों से इस आग का मजा ले रहे हैं।
PM मोदी, केजरीवाल ने की शांति की अपील
इस घटना के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति की अपील की। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बुधवार को दो बार हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी उत्तर-पूर्वी के इलाकों का दौरा किया। दिल्ली पुलिस के अनुसार, हिंसा के मामले में अब तक 18 एफआईआर और 106 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
दिल्ली हिंसा : रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं हिंसाग्रस्त क्षेत्रों के लोग
बता दें कि हिंसा में अबतक 35 लोगों की जान चली गई है, वहीं बड़े पैमाने पर लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। सैंकड़ों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना पड़ा है। इन सब से सामान्य जनजीवन पर काफी बुरा असर पड़ा है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार ने हिंसा प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने का निर्णय लिया है।