Jharkhand: झारखंड सरकार ने कोरोना महामारी के दौर में बुरे तरीके से प्रभावित 15 लाख गरीब परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की तर्ज पर अनाज उपलब्ध कराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को रांची में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में संबधित इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि जिन गरीब और जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ नहीं मिल रहा था। अब ऐसे 15 लाख परिवारों को हर महीने 5 रुपये में 5 किलो अनाज दिया जाएगा। उन्होंने कहा इस बाबत आवेदक को ऑनलाइन आवेदन देना होगा और पंचायत एवं वार्ड में ग्रामसभा की बैठक में इस आवेदन को मंजूरी प्रदान की जाएगी।
इस योजना पर राज्य सरकार को 213 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ेगा। एक अन्य प्रस्ताव में कोरोना संक्रमण काल में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अनाज वितरण में आने वाले परिवहन खर्च को लेकर 143 करोड़ रुपये व्यय के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है । मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 29 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।
कोरोना (Corona) के मद्देनजर अधिक खर्च होने की वजह से राज्य सरकार अब 1848 करोड़ रुपए लोन (Loan) ले सकेगी। जीएसडीपी का तीन प्रतिशत लोन लिया जा सकता है। झारखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2020 की स्वीकृति दी गई।
इसके साथ ही कैबिनेट ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) के नए नाम को भी मंजूरी दे दी है। धनबाद (Dhanbad) के पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल का नाम शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल रखने की स्वीकृति दी गई।
इसी तरह हजारीबाग मेडिकल कॉलेज का नाम शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल, दुमका मेडिकल कॉलेज का नाम फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल और पलामू मेडिकल कॉलेज का नाम मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल रखने को मंजूरी दी है।
इसके अलावा रांची, जमशेदपुर और धनबाद में आर्थिक अपराध मामलों के साथ ही जीएसटी से जुड़े मामलों की सुनवाई भी हो सकेगी। ये सिविल जज स्तर के गठित न्यायालय हैं। यहां झारखंड माल एवं सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत दर्ज वादों की सुनवाई करने के लिए शक्तियां प्रत्यायोजित करने की स्वीकृति दी गई।