1996 से धरना दे रहे व्यक्ति को विरोध प्रदर्शन खत्म करने का निर्देश

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मुजफ्फरनगर, 20 सितंबर (आईएएनएस)| मुजफ्फरनगर में एक गांव की सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने के खिलाफ पिछले 24 सालों से धरना दे रहे एक व्यक्ति को गुरुवार को विरोध प्रदर्शन खत्म करने का निर्देश दिया गया। पेशे से शिक्षक विजय सिंह ने जनवरी, 1996 में धरना शुरू किया था। उनका शहर शामली तब जिला भी नहीं था और उन्हें विरोध प्रदर्शन करने के लिए पड़ोसी जिला मुजफ्फरनगर के प्रशासन ने जमीन देने का प्रस्ताव दिया था।

मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने हालांकि गुरुवार को उनसे कहा कि जमीन पर कब्जा करने वाली उनकी दो शिकायतें कोर्ट में लंबित हैं और उन्हें इस परिसर से हटने का आदेश दिया।


अपर जिला अधिकारी अमित सिंह ने कहा, “शामली के चौसना गांव निवासी विजय सिंह ने 2007 में लखनऊ में राजस्व न्यायालय और शामली के सिविल जज की कोर्ट में भी 12 लोगों के खिलाफ जमीन कब्जाने का मामला दर्ज कराया था। दोनों मामलों में आरोपी स्टे ले आए थे। इसके बाद मार्च 2019 में उन्होंने राजस्व न्यायालय में एक और याचिका दायर कर दी, जिसकी जांच शामली प्रशासन कर रहा है। सिंह ने यहां मुजफ्फरनगर में कोई शिकायत दर्ज नहीं की है। इसके बावजूद वे मुजफ्फरनगर कलेक्टरेट में धरने पर बैठ रहे हैं। इसलिए उन्हें परिसर से हटाया गया।”

विजय सिंह जिला प्रशासन की कार्रवाई से खुश नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “मैं किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं लड़ रहा हूं। मेरा धरना सरकारी अधिकारियों की नाक के नीचे होने वाले भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए है। मेरा धर्मयुद्ध चलता रहेगा। अगर जरूरत पड़ी तो मैं पीएमओ से भी संपर्क करूंगा।”


साल 1996 में धरना करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ने वाले विजय सिंह को कई मंचों पर पहचान मिल चुकी है। इसके अलावा उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

इसके अलावा साल 2012 में प्रदेश में भूमाफियाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए वे 19 दिनों में 600 किलोमीटर चलकर लखनऊ गए थे और वहां तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।

लगातार अंतराल पर धमकियां मिलने के बावजूद सिंह शामली में भूमाफियाओं के कब्जे से विभिन्न स्थानों से सैकड़ों बीघा जमीन छुड़ा ली है।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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