Jharkhand: कुड़मी, सुंडी और कुम्हार समेत झारखंड की 36 जातियों को केंद्र की नौकरियों में आरक्षण देने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। झारखंड सरकार की तरफ से पिछड़़ा वर्ग-1 और पिछड़ा वर्ग- दो की कोटि में शामिल इन जातियों को भारत सरकार की ओबीसी में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। राज्य की ओर से केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय को यह प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय इसे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजेगा। वहां आपत्तियां मंगाने और विशेषज्ञों के सलाह के बाद आयोग फैसला लेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुमोदन के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग इसकी अधिसूचना जारी कर देगा।
हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड सरकार की इस पहल से प्रदेश की सवा करोड़ से अधिक आबादी को इसका लाभ मिलेगा। जानकारों का मानना है कि अकेले कुड़मी जाति की तादाद 70 से 80 लाख है। इसी तरह सूंडी, चंद्रवंशी, कुम्हार आदि जातियां भी करीब10 लाख की संख्या है। इसलिए सभी को मिलाकर तादाद सवा करोड़ के आस-पास है।
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने जनजातीय भाषा मुंडारी, हो एवं कुड़ुख को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। सीएम ने उम्मीद जताई है कि संताली की ही तरह इन भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा।
सीएम हेमंत सोरेन अपने पत्र में यह भी लिखा है कि झारखंड में मुंडारी हो एवं कुड़ुख को पहले ही द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया है कि इन भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करने से इनके विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
इन्हें शामिल करने का है प्रस्ताव
कुड़मी, माहिस्य, मगदा-गौड़ महाकुड़ /गोप, ग्वाला, चंद्रवंशी/ रवानी , हजाम, बारी, बागची, राजभट (मुस्लिम), शाह, फकीर, मदार, देवान, शेख, कुम्हार, कुंभकार, सोय, तिली, एकादश तिली, द्वादश तिली, एकादश तेली, द्वादश तेली, वागाल, खंडवाल खंडुवाल खंडाइत, खैरा परघा, परीधा, पैरधा, पलीआर, मड़ैया, कुलु, गोराई, सुंडी, वीयार, वेश बनिया एवं एकादश बनिया, ग्वाला, मुस्लिम, जदुपतिया।
गोसाई, गिरि सन्यासी, अतित, अतिथ, परथा, बनिया, रॉकी एवं बियाहूत कलवार, जायसवाल, जैशवार, कमलापुरी, वैश्य, बनिया, माहुरी, बैस्य, बंगी वैश्य, वर्णवाल, गधबनिक, गधबनिया, ओम, उमर वैश्य, वर्णवाल, गंधबनिया, गंधबनिक, ओमर, उमर वैश्य, बनिया, बनवारत्न, घासी महाकुल, म्हकुल, सुवर्ण वणिक, अष्टलोही कर्मकार, स्वर्णकार, सूत्रधार, जैसवार कुर्मी एवं चंदेल कुर्मी, राजभाट, ब्रह्मभाट, वैष्णव, पाइक, चासा, क्याली, मलिक(मुस्लिम)।