दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बसी 48 हजार झुग्गी वालों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि फिलहाल वह दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बसी 48 हजार झुग्गियों (Slum Areas) को नहीं हटाने जा रही है। केंद्र ने कहा इस मसले पर रेलवे, केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर बात करेंगे फिर चार हफ्ते में हल निकालेंगे।
कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में तीन महीने के अंदर लगभग 48,000 झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया था। जिसके बाद रेलवे ने दिल्ली इलाके में झुग्गियों पर नोटिस भी चिपकाया दिया था। नोटिस के मुताबिक 14 सितंबर तक झुग्गियां खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया था।
कोर्ट ने साफ किया कि इसमें किसी तरह की राजनैतिक या अन्य दखलंदाजी नहीं होगी। तीन सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अवैध निर्माण हटाने पर कोई भी अदालत किसी भी तरह की रोक नहीं लगाएगी। पटरियों के पास अतिक्रमण के संबंध में अगर कोई अंतरिम आदेश पारित किया जाता है तो वह प्रभावी नहीं होगा।
दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे कूड़े के ढेर के संबंध में दाखिल ईपीसीए की रिपोर्ट और रेलवे का हलफनामा देखने के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया कि प्लास्टिक थैलियों और कूड़े का ढेर हटाने के बारे में तैयार की गई योजना तीन महीने में लागू की जाए।
इसके लिए दिल्ली सरकार, रेलवे और सभी संबंधित पक्ष अगले सप्ताह बैठक करें और तत्काल प्रभाव से काम शुरू करें। इसमें आने वाले खर्च का 70 फीसद रेलवे को वहन करना होगा वहीं 30 फीसद हिस्सा दिल्ली सरकार देगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए एक महीने का समय निर्धारित किया है।