53 फीसदी भारतीयों ने कहा, तिब्बत के बारे में बहुत कम खबर देता है भारतीय मीडिया

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नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के करीब 53 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारतीय मीडिया और राष्ट्रीय विमर्श में तिब्बत के बारे में अपेक्षाकृत बहुत ही कम रिपोर्ट की जाती हैं।

आईएएनएस सी-वोटर सर्वेक्षण में बुधवार को यह बात सामने आई है कि अधिकतर भारतीय तिब्बत के मुद्दे को अंडर-रिपोर्टेड मानते हैं।


भारत में केवल पूर्वोत्तर ही ऐसा इलाका है, जहां के 71 प्रतिशत लोग कहते हैं कि उन्होंने समाचार पत्रों में, टीवी पर और ऑनलाइन समाचारों में पिछले छह महीनों के दौरान तिब्बत के बारे में समाचारों को सुना, पढ़ा या देखा है।

आईएएनएस सी-वोटर के एक सवाल के जवाब में शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 50 प्रतिशत भारतीयों का कहना है कि उन्होंने समाचार पत्रों में, टीवी पर और ऑनलाइन समाचारों में पिछले छह महीनों में तिब्बत के बारे में समाचारों को नहीं सुना, पढ़ा या देखा है, जबकि गांवों में रहने वाले 54 प्रतिशत लोगों ने यही विचार प्रकट किए हैं।

दिलचस्प बात यह है कि 35 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के 50 प्रतिशत भारतीयों ने ऐसा जवाब दिया है। वहीं 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले 57 प्रतिशत से अधिक भारतीय कहते हैं कि उन्होंने समाचार पत्रों में, टीवी पर और ऑनलाइन समाचारों में पिछले छह महीनों में तिब्बत के बारे में समाचार नहीं सुने, पढ़े या देखे हैं। वहीं 18 से 24 वर्ष की आयु वर्ग में 55 प्रतिशत लोगों ने समान उत्तर दिया।


शैक्षिक योग्यता के आधार पर देखा जाए तो लोगों की प्रतिक्रिया में बहुत अधिक प्रभाव देखने को नहीं मिला है। क्योंकि उच्च शिक्षा समूह के 50 प्रतिशत भारतीयों ने भी महसूस किया है कि उन्होंने भारतीय मीडिया में पिछले छह महीनों के दौरान तिब्बत के बारे में समाचार नहीं सुने, पढ़े या देखे हैं। वहीं निम्न शिक्षा समूह में 58 प्रतिशत ने समान राय साझा की है।

सी-वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, दक्षिण भारत में 60 प्रतिशत लोग कहते हैं कि उन्होंने भारतीय मीडिया में पिछले छह महीनों में तिब्बत के बारे में न ही कोई समाचार सुने, न ही पढ़े और न ही देखे हैं। वहीं केंद्रशासित प्रदेशों की बात की जाए तो यहां रहने वाले 70 प्रतिशत लोगों ने यही उत्तर दिया है।

–आईएएनएस

एकेके/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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