टीकाकरण से पहले स्वस्थ थे 56 वर्षीय डॉक्टर, Pfizer vaccine लगने के 16 दिन बाद हुई मौत

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Corona Vaccination In Britain: अब 70 साल और इससे ज्यादा उम्र के लोगों को भी लगाया जाएगा टीका

विश्व के कई देशों में कोरोना टीकाकरण (Corona Vaccination) शुरू किया जा चुका है। भारत में भी इसकी तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। लेकिन टीकाकरण से जुड़ी एक बुरी खबर सामने आ रही है। खबरों के अनुसार अमेरिका में कोविड वैक्सीन लगने के बाद एक डॉक्टर की मौत हो गई है। मृतक अमेरिका के मियामी शहर का रहने वाला था। 56 वर्षीय ग्रेगरी माइकल की फाइजर की कोरोना वैक्सीन लगवाने के 16 दिन बाद मौत हो गई। डॉक्टर ग्रेगरी की पत्नी हेइदी नेकेलमान का कहना है कि 18 दिसंबर को उनके पति को कोरोना वैक्सीन लगने से पहले वह पूरी तरह से स्वस्थ थे।

खबरों के अनुसार रविवार सुबह डॉक्टर ग्रेगरी की अचानक से रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी दुर्लभ बीमारी होने के बाद हार्ट अटैक से मौत हो गई। डॉक्टर ग्रेगरी की पत्नी का का कहना है कि फाइजर की कोरोना वैक्सीन (Pfizer vaccine) ने कहीं न कहीं से इस बीमारी को पैदा किया। उन्होंने कहा कि, ‘मेरा मानना है कि डॉक्टर ग्रेगरी की मौता का सीधा संबंध वैक्सीन से है। इसकी कोई और वजह नहीं हो सकती। वैक्सीन लगने के बाद मेरे पति के खून में रहस्यमय गड़बड़ी आ गई थी।’


उन्होंने आगे कहा कि, ”डॉक्टर ग्रेगरी पूरी तरह से स्वस्थ थे। वह सिगरेट भी नहीं पीते थे। कभी कभी ही वह शराब पीते थे। वह व्यायाम करते थे और समुद्र में गोते लगाते थे। उन्होंने मेरे पति की हर तरह से जांच की। यहां तक कि कैंसर की भी जांच की गई और उनके अंदर कुछ भी गलत नहीं पाया गया।”

फाइजर कंपनी ने इस घटना के बाद अपनी सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि उन्हें डॉक्टर ग्रेगरी के ‘बहुत ही असामान्य’ मौत की जानकारी है और वे इसकी और ज्यादा जांच कर रहे हैं।कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, इस समय हम नहीं मानते हैं कि वैक्सीन का डॉक्टर ग्रेगरी की मौत से कोई सीधा संबंध है।’

खबरों के अनुसार वैक्सीन लगने के बाद डॉक्टर ग्रेगरी के अंदर तत्काल कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया था। लेकिन तीन दिन बाद जब डॉक्टर नहा रहे थे, उस समय उन्होंने देखा कि हाथ और पैर पर खून की तरह से लाल चकत्ते पड़े हुए हैं। जांच के पता चला कि वह प्लेटलेट की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इसी अस्पताल में डॉक्टर ग्रेगरी को टीका लगाया गया था।


उनका पत्नी ने कहा कि प्लेटलेट्स को छोड़कर खून की सारी जांच सामान्य आई है। प्लेटलेट्स जीरो तक पहुंच गए। पहली बार डॉक्टर ग्रेगरी की जांच कर रहे डॉक्टरों ने सोचा कि यह गलती से हुआ है। इसलिए, उन्होंने दोबारा जांच की, तो केवल एक प्लेटलेट दिखाई दिया। इसके बाद भी डॉक्टर ग्रेगरी सामान्य थे और ऊर्जा से भरे हुए थे। डॉक्टरों ने ग्रेगरी को घर नहीं जाने की सलाह दी क्योंकि यह बहुत ही खतरनाक था। इससे उनके सिर में बहना शुरू हो जाता और उनकी मौत हो जाती है।

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