84 के दंगों पर आए फैसले पर भाजपा ने संतोष जताया

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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)| यहां एक निचली अदालत की ओर से 1984 के सिख दंगों के संबंध में एक दोषी को मृत्युदंड और दूसरे को उम्रकैद की सजा दिए जाने पर ‘संतुष्टि’ जताते हुए भाजपा ने बुधवार को कहा कि केंद्र में उसकी सरकार द्वारा गठित एसआईटी की वजह से दोषियों को यह सजा मिली है। पार्टी ने इसके साथ ही कांग्रेस पर सिखों को न्याय देने में देरी करने का हरसंभव प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मुकदमा बिना किसी प्रभाव या हस्तक्षेप के साफ-सुथरे ढंग से चले।

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “कम से कम दो मामलों के निपटारा होने से, उनके जख्मों पर जरूर कुछ मलहम लगेगा, जो लगभग 30-35 वर्षो से जूझ रहे हैं और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मुकदमा बिना किसी हस्तक्षेप या प्रभाव के सही ढंग से चलता रहे।”


उन्होंने कहा, “हम अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं।”

भाजपा नेता ने कहा, “न्याय की प्रक्रिया में सरकार की कोई भूमिका नहीं है और वह यह सुनिश्चित कर रही है कि एसआईटी मामले की जांच ‘ईमानदारी’ से करे।”

उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि एसआईटी की ओर से जांच ईमानदारी पूर्वक चलती रहेगी और सभी जरूरी कदमों को उठाया जाएगा।”


प्रसाद ने कांग्रेस पर सिख समुदाय को न्याय मिलने में देरी के लिए हरसंभव प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि यह इसलिए किया गया, ताकि कांग्रेस ‘अपने लोगों को बचा सके।’

मंत्री ने कहा, “पार्टी की तरफ से, मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि मौजूद सबूत स्पष्ट तौर पर दिखाते हैं कि कांग्रेस ने बीते 30 वर्षो से ज्यादा समय से यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि दोषियों पर मामला दर्ज न किया जाए। केवल ढकोसले के लिए आठ-10 समितियां बनाई गईं।”

उन्होंने कहा, “यह जरूरी था कि इस तरह के नरसंहार में न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश में सिखों को न्याय दिया जाए।”

प्रसाद ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि वह पीड़ितों को न्याय दिलवाने के लिए प्रयास करने का केवल एक गंभीर उदाहरण देकर दिखाएं।

मंत्री ने कहा, “तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यह कहकर इस नरसंहार को सही ठहराने की कोशिश की थी कि ‘जब बरगद का एक बड़ा पेड़ गिरता है तो, धरती हिलती है।”‘

उन्होंने कहा, “इससे ज्यादा गैर जिम्मेदाराना बयान और कोई नहीं हो सकता। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माफी मांगी है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक-दो अवसरों पर इस बारे में बोला है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आजतक खुद को राजीव गांधी के बयान से अलग नहीं किया है।”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी द्वारा केवल माफी मांगना काफी नहीं है। कांग्रेस को यह जवाब देना होगा कि राजीव गांधी द्वारा दिया गया बयान सही था या नहीं। कांग्रेस क्यों नहीं इस बयान पर सामने आती और अपने पक्ष को रखती है। यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्यों कमलनाथ को नियुक्ति के 10 दिनों के अंदर ही कांग्रेस पंजाब प्रभारी के पद से हटाया गया।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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