बेंगलुरु, 29 अप्रैल 2025 — झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS), ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार द्वारा बेंगलुरु में DDU-GKY एलुमनी मिलन समारोह-2025 का आयोजन किया गया। समारोह का उद्देश्य विभिन्न राज्यों में कार्यरत झारखंड के 850 से अधिक प्लेस्ड अभ्यर्थियों को एक मंच पर लाकर उनके कौशल विकास और आत्मनिर्भरता की प्रेरक कहानियां साझा कराना था।
समारोह का उद्घाटन ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह (Dipika Pandey Singh), JSLPS की सीईओ कंचन सिंह, एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन करके किया। कार्यक्रम में JSLPS के CEO कंचन सिंह ने आयोजन का उद्देश्य समझाते हुए कहा, “हमारा मकसद केवल मिलन-महोत्सव नहीं, बल्कि उन युवाओं के साथ निरंतर संवाद और मार्गदर्शन बनाए रखना भी है जो देश-विदेश में झारखंड का नाम रोशन कर रहे हैं। बेंगलुरु एवं हरियाणा में स्थापित माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर प्लेस्ड अभ्यर्थियों को सामाजिक–मानसिक सहायता भी प्रदान करता है।”
कार्यक्रम में शामिल 850 युवा विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में कार्यरत हैं। समारोह के दौरान नृत्य, गीत और नाट्य प्रस्तुतियों ने उत्सव को चार-चाँद लगा दिए। अभ्यर्थियों ने डी.डी.यू-GKY के तहत मिले प्रशिक्षण से लेकर आज की उनकी नौकरी और आत्मनिर्भर जीवन तक के सफर की प्रेरक कहानियाँ साझा कीं, जो उपस्थित सभी के लिए प्रेरणास्रोत बनीं।
समारोह में खास आकर्षण था ‘है। कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर’ नामक पुस्तक का विमोचन, जिसमें JSLPS परियोजना से सफल बने अभ्यर्थियों की कहानियों का संकलन है। ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा, “झारखंड के युवाओं ने साबित कर दिया कि अवसर और उचित मार्गदर्शन मिले तो वे विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। सरकार उनकी सुरक्षित, सम्मानजनक आजीविका और कौशल विकास में हर संभव मदद करेगी।”
कार्यक्रम में “स्किल आइकन” पुरस्कार वितरण भी हुआ, जिसमें उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थियों और DDU-GKY योजना को सफलतापूर्वक लागू करने वाली प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसियों (PIAs) को सम्मानित किया। इन पुरस्कारों ने युवाओं के आत्मविश्वास और प्रदेश का गौरव दोनों बढ़ाए।
DDU-GKY एलुमनी मिलन-2025 ने सिद्ध कर दिया कि कौशल विकास मात्र प्रशिक्षण नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला कदम है। कार्यक्रम से लौट रहे युवा न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे झारखंड के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।