A.R Rahman Birthday: वो संगीतकार जिसने फिल्मफेयर से लेकर ऑस्कर तक का सफर तय किया

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A.R Rahman Birthday: वो संगीतकार जिसने फिल्मफेयर से लेकर ऑस्कर तक का सफर तय किया

बॉलीवुड में कम लोग ऐसे हुए हैं जिनके कला का डंका पुरे विश्व में बजा हो। लेकिन संगीतकार ए आर रहमान ने महज बॉलीवुड ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। रहमान को फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर में संगीत के लिए दो ऑस्कर अवॉर्ड से नवाजा गया था। वह दो ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले पहले भारतीय संगीतकार हैं। इसके अलावा रहमान को एक बॉफ्टा अवॉर्ड, एक गोल्डन ग्लोब, 4 नैशनल फिल्म अवॉर्ड, 15 फिल्मफेयर अवॉर्ड और 13 फिल्मफेयर साउथ के अवॉर्ड मिल चुके हैं।

रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। पहले उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था। लेकिन बाद में उन्होंने अपना धर्म बदलकर ए आर रहमान बनने का फैसला किया। रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता आरके शेखर मलयाली फ़िल्मों में संगीत देते थे। रहमान ने संगीत की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की। मात्र 11 वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते थे। वे इलियाराजा के बैंड के लिए काम करते थे। रहमान को ही चेन्नई के बैंड “नेमेसिस एवेन्यू” के स्थापना का श्रेय जाता है।


एक इंटरव्यू में रहमान ने बताया था कि, यह भी सच है कि उन्हें अपनी नाम अच्छा नहीं लगता था। एक दिन जब मेरी मां मेरी बहन की कुंडली दिखाने एक ज्योतिषी के पास गई तो उस हिंदू ज्योतिषी ने ही मुझे नाम बदलने की सलाह दी बस फिर क्या था मेरा नाम दिलीप कुमार से ए आर रहमान पड़ गया। ए आर इसलिए क्योंकि मेरी मां चाहती थी कि उसमें अल्ला रख्खा भी जोड़ा जाए। ए आर रहमान ने सायरा बानो नाम की महिला से शादी किया है। उनके तीन बच्चे हैं- खदीजा, रहीम और अमन। वे दक्षिण भारतीय अभिनेता राशिन रहमान के रिश्तेदार भी है।

साल 1991 में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया।1992 में उन्हें फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम ने अपनी फिल्म रोजा में संगीत देने का ऑफर दिया था। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान ने फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीता। रहमान के गानों की 200 करोड़ से भी अधिक रिकॉर्डिग बिक चुकी हैं। उन्होंने तहजीब, बॉम्बे, दिल से, रंगीला, ताल, जींस, पुकार, फिजा, लगान, मंगल पांडे, स्वदेश, रंग दे बसंती, जोधा-अकबर, जाने तू या जाने ना, युवराज, स्लम डॉग मिलेनियर, गजनी जैसी फिल्मों में संगीत दिया है। उन्होंने देश की आजादी की 50 वीं वर्षगाँठ पर 1997 में “वंदे मातरम्‌” एलबम बनाया था। ये एलबम जबर्दस्त सफल रहा।


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