नई दिल्ली, 15 फरवरी (आईएएनएस)| लोकप्रिय पॉप और रॉक बैंड ‘आर्यन’ के संस्थापकों में से एक गायक सादू का कहना है कि संगीत कई मायनों में आज पहले से भी बदतर है।
1990 के दशक के बैंड के सदस्य तौर पर सादू ने ‘आंखों में तेरा ही चेहरा’ सहित कई हिट गाने दिए हैं।
अब वह सोलो सॉन्ग ‘मौसम’ और ‘होर किन्ने सुबूत’ के साथ आए हैं।
आजकल के संगीत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “पिछले दो-तीन दशकों और आज के दौर में प्रेम और रोमांस की परिभाषा में बहुत अंतर है। इन दिनों किसी भी रिश्ते में एक प्रैक्टिकल अप्रोच होता है और उनमें समझौता करने की बहुत गुंजाइश नहीं होती है या धैर्य जैसा कुछ नहीं है, जैसा कि कुछ साल पहले हुआ करता था। अब बस आत्मसंतुष्टि मायने रखता है और कुछ नहीं। भावना का बहुत अभाव है। और यह तथ्य आज के संगीत के निर्माण में भी बहुत महत्वपूर्ण है।”
सादू ने आगे कहा, “व्यक्तिगत तौर पर मेरे नजरिए से देखा जाए तो संगीत निश्चित रूप से कई मायनों में पहले से भी बदतर हो चुकी है। अब वह ‘रोमांटिक’ गाना कहां है? इनसे मिलते-जुलते कुछ ‘फिल्मी’, ‘नॉन-फिल्मी’ गाने हैं जो इमोशनल ब्लैकमेल करते हैं, वहीं बाकी गाने महिलाओं को छेड़ने, ड्रग और शराब पर हैं।”