आंख खोलनी वाली है गैस लीक घटना : आंध्र पुलिस महानिदेशक

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अमरावती, 7 मई (आईएएनएस)। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान ही आंध्र प्रदेश में गुरुवार सुबह एक रासायनिक इकाई में गैस रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग बीमार पड़ने की वजह से अस्पताल में भर्ती करने पड़े। बंद के दौरान पहले से ही पुलिस पर अतिरिक्त दबाव बना हुआ था, जो इस घटना के बाद एकदम से और बढ़ गया। राज्य के पुलिस महानिदेशक गौतम सवांग ने इस संबंध में आईएएनएस से एक विशेष साक्षात्कार में कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। राष्ट्रीय बंद के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान संकट की स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने विस्तृत चर्चा की, जिसेस प्रमुख अंश कुछ इस प्रकार हैं:

प्रश्न: आंध्र प्रदेश में गुरुवार को संभावित रूप से बड़ी त्रासदी हुई है। कौन से कारक राज्य के पक्ष में रहे?


उत्तर: सबसे पहले तो यह गैस इतनी घातक नहीं है, जितनी यह हो सकती थी। अगर यह बड़ी मात्रा में सांस के द्वारा अंदर जाती है, तभी अधिक घातक हो सकती है। दूसरी बात यह कि बहुत त्वरित प्रतिक्रिया हुई, विशेष रूप से पुलिस और अन्य सभी मशीनरी बहुत जल्दी से हरकत में आई। क्योंकि 3.30 बजे पहली कॉल पुलिस नियंत्रण कक्ष में आई थी। इसके तुरंत बाद इसका संज्ञान लिया गया और 10 मिनट के अंदर हमारे मोबाइल गश्त जवान वहां पर पहुंच गए, ताकि वे हर किसी को सचेत कर सकें। कोरोना से संबंधित घोषणाएं करने के लिए कुछ लाउडस्पीकर लगाए गए थे और वे सभी को सचेत करने में सक्षम थे। इसलिए जब सभी टीमें वहां पहुंचीं तो उन्होंने दरवाजे खटखटाने और यहां तक कि दरवाजे तोड़ने और लोगों को वहां से निकालने के बारे में जुट गईं।

प्रश्न: कोविड-19 बंद के दौरान गैस रिसाव जैसी घटनाओं पर देश में पुलिस बलों के पास इससे निपटने के क्या उपाय हैं?

उत्तर: यह तथ्य है कि पुलिस मुख्य रूप से कोरोना की वजह से तैयार और सतर्क थी और हमारी टीम चौबीसों घंटे सतर्कता पर है। वह त्वरित प्रतिक्रिया, उदाहरण के लिए हमारे पास त्वरित प्रतिक्रिया टीमें (क्यूआरटी) होती हैं, जोकि चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती हैं, खासकर रात में भी। वे जल्दी से जवाब देने में सक्षम हैं। इसके अलावा कोरोना संकट के इस समय में लोगों द्वारा प्रयोग किए जा रहे फेस मास्क से भी हमें मदद मिली।


प्रश्न: चूंकि इसे इतने कम समय में अंजाम दिया गया, क्या आप मानते हैं कि यह एक दोषरहित बचाव कार्य है?

उत्तर: मैं कह सकता हूं। यह और भी बेहतर हो सकता था। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह सबसे अच्छा है। यह बहुत अच्छी तरह से जरूर किया गया है। जबकि हम ऐसा कहते हैं हम और भी बेहतर कर सकते थे। लेकिन फिर भी मौजूदा परिस्थितियों में और संसाधनों के स्तर को ध्यान में रखते हुए, जिस तरह के संसाधन हमारे पास हैं, तो उस लिहाज से मैं कहूंगा कि यह वास्तव में अच्छा रहा। हम वास्तव में अपने अधिकारियों की सराहना कर रहे हैं। हमारे माननीय मुख्यमंत्री ने भी यह माना है।

प्रश्न: लॉकडाउन के बाद कारखाने की गतिविधियों को फिर से शुरू करना गैस रिसाव के कारणों में से एक के रूप में कहा जा रहा है, इसलिए आगे किस तरह की सावधानी बरतने की उम्मीद है?

उत्तर: हम यह नहीं कह सकते। हम लॉकडाउन के बाद इस कारखाने को फिर से शुरू करने के लिए इस घटना को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। ऐसा नहीं कह सकते। किसी भी स्थिति के लिए, कहीं भी कुछ निर्धारित प्रोटोकॉल होते हैं और मुझे यकीन है कि उन्होंने अपने प्रोटोकॉल निभाए होंगे।

प्रश्न: इस हादसे की वजह से कोई भी सावधानी बरतने के लिए पुलिस की ओर से कोई कदम?

उत्तर: निश्चित रूप से यह एक आंख खोलने वाली घटना है। कुछ महत्वपूर्ण या खतरनाक प्रक्रियाओं को शुरू करने से पहले लोग वास्तव में दोहरी जांच करेंगे। सावधानी की जरूरत तो है ही।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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