दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly election 2020) में आप की शानदार जीत हुई है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में पार्टी ने 62 सीटों पर जीत का परचम लहराया। इनमें से एक जंगपुरा की सीट भी रही। जंगपुरा विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार मैदान मारने वाले AAP के उम्मीदवार प्रवीण कुमार एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। इसकी वजह उनकी लगातार दूसरी जीत नहीं है, बल्कि उनकी बेहद साधारण पृष्ठभूमि और संघर्ष भरा जीवन है।
दरअसल, जंगपुरा के विधायक प्रवीण कुमार देशमुख भोपाल के रहने वाले हैं और बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता की भोपाल में पंक्चर बनाने की दुकान है। एमबीए की पढ़ाई करने वाले प्रवीण दिल्ली में कॉर्पोरेट जगत में करियर बनने का सपना लेकर आए थे। लेकिन नियति को कुछ और मंजूर थी। 2012 का साल था। बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे का आंदोलन शुरू हो गया और वह इसमें शामिल हो गए। यहीं से उनकी जिंदगी में मोड़ आया और प्रवीण एक नई राह पर चल पड़े। इस राह पर चलते हुए प्रवीण दिल्ली विधानसभा तक पहुंच गए।
आम आदमी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में प्रवीण को जंगपुरा सीट से उतारा। यह सीट कांग्रेस की गढ़ रही थी। 1993, 1998, 2003, 2008, 2013 के चुनाव में यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं बीजेपी भी इस सीट पर काफी मेहनत कर रही थी और उसका वोट प्रतिशत लगातार बढ़ रहा था। ऐसे हालात में पहली बार चुनाव लड़ रहे प्रवीण कुमार का जीतना बेहद मुश्किल माना जा रहा था, लेकिन जब चुनाव परिणाम आय तो चुनावी पंडितों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली। प्रवीण कुमार ने जीत हासिल की और उन्हें 48.11% वोट मिले।
प्रवीण कुमार ने 2020 के चुनाव में भी जीत का सिलसिला जारी रखा है। इस बार तो उन्हें मिलने वाला वोट प्रतिश भी बढ़ गया। इस दफे उन्हें 50.88% वोट हासिल हुए। प्रवीण दोबारा विधायक बन गए हैं, लेकिन उनके पिता ने अपना काम नहीं छोड़ा है। वह आज भी भोपाल में अपनी पंक्चर लगाने के दुकान चलाते हैं।