आरबीआई ने बाहरी वाणिज्यिक ऋण नियमों में ढील दी

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 नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को बाहरी वाणिज्यिक ऋण (ईसीबीज) और रुपया-डीनॉमिनेटेड बांड के लिए नए ढांचे की घोषणा की है, ताकि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में सुधार हो।

 नए ढांचे के तहत, सभी योग्य उधारकर्ता ऑटोमेटिक रूट के जरिए एक वित्त वर्ष में 75 करोड़ डॉलर या उससे बराबर की रकम का बाहरी वाणिज्यिक ऋण ले सकते हैं। पहले यह सीमा अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग निर्धारित थी।


इसके अलावा सभी वाणिज्यिक ऋण की परिपक्वता अवधि तीन साल निर्धारित की गई है, चाहे जितनी भी रकम की हो।

इससे पहले आरबीआई कंपनियों को केवल 5 करोड़ डॉलर तक का बाहरी ऋण तीन सालों की अवधि तक के लिए लेने की अनुमति देती थी तथा 5 करोड़ डॉलर से अधिक की रकम कम से कम पांच सालों के लिए उधार पर ले सकती थी।

आरबीआई ने एक बयान में कहा, “वर्तमान ढांचे के तहत ट्रैक 1 और 2 को ‘विदेशी मुद्रा- डिनोमिनेटेड ईसीबी’ में मिला दिया गया है और ‘रुपया डिनोमिनेटेड ईसीबी’ को वर्तमान के चार-स्तरीय ढांचे में मिला दिया गया है।”


आरबीआई ने योग्य उधारकर्ता की सूची का भी विस्तार किया है। ईसीबी ढांचे के तहत सभी संस्थाओं को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त करने की अनुमति दी गई है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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