आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए, पाक पर लगे प्रतिबंध : शीर्ष भारतीय थिंक टैंक

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आरती टीकू सिंह

नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के मद्देनजर, भारत को कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में सीमा पार आतंकवाद पर रोक और पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने के लिए मुंबई स्थित गेटवे हाउस, थिंक टैंक ने भारत सरकार को सुझाव दिया है।


मंजीत कृपलानी द्वारा 2009 में स्थापित, ‘गेटवे हाउस : इंडियन काउंसिल ऑन ग्लोबल रिलेसंस’, जो भारत के प्रमुख निगमों, विचारकों और विद्वानों का समूह है। यह समूह अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर विचार करता है।

थिंक टैंक ने सिफारिश की है कि सरकार को भारतीय हितधारकों और निगमों को प्रतिबंधित करना चाहिए जिनकी पाकिस्तान में मौजूदगी है या जिनका पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध हैं। इसी प्रकार की अन्य सिफारिशें गेटवे हाउस में अंतरराष्ट्रीय कानून के वरिष्ठ शोधकर्ता अंबिका खन्ना द्वारा लिखे गए एक पेपर में दिखाई दी हैं।

गेटवे हाउस ने भारत पर प्रभाव का विश्लेषण करने के बाद सिफारिश की है, “भारत में अब समय आ गया है कि कोरोनावायरस के बाद के युग में पाकिस्तान को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नई रणनीतियों पर विचार किया जाए।”


डाबर इंडिया, टीएएफई, केपीएमजी, ओप्पो, एक्सॉनमोबिल और अन्य कंपनियों की पहचान की है जिन्हें सरकार पाकिस्तान से अपने निवेश को वापस लेने के लिए दबाव डालकर वहां प्रतिबंधित कर सकती है।

गेटवे हाउस ने यह भी सुझाव दिया है कि भारत अपने नागरिकों या निवासियों को पाकिस्तान के लिए विज्ञापन करने पर रोक लगाए। उदाहरण के लिए, करीना कपूर जो पाकिस्तान के डाबर विज्ञापनों में दिखाई देती हैं।

सरकार ई-कॉमर्स, रिटेल, फार्मा, वित्तीय सेवाओं और ऊर्जा (अमेजॅन, नेस्ले, पी एंड जी, पेप्सी, कोको-कोला, टोटल, कोलगेट) जैसे क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों की भारतीय सहायक कंपनियों को पाकिस्तान में अपनी सेवा रोक देनी चाहिए।

थिंक टैंक ने सिफारिश की है कि सरकार को प्रतिबंध लगाने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा स्थापित करना चाहिए।

उन्होंने कहा, “सरकार को विदेशी मुद्रा पर भारत के कानूनों और विनियमों में संशोधन करना चाहिए और सख्त खुलासों और प्रतिबंधों के लिए कंपनी अधिनियम, एक पूरे-सरकारी दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए ताकि सभी सरकारी विभाग एक साथ आ सकें।”

सुझाव में यह भी कहा गया कि भारत को पुन: निर्यात को नियंत्रित करने के लिए निर्यात कानूनों में संशोधन करना चाहिए। उदाहरण के लिए, जब श्रीलंका भारत से इलेक्ट्रॉनिक चिप्स का आयात करता है, तो उन्हें पाकिस्तान में फिर से निर्यात करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

निर्यात नियंत्रण अधिनियम के तहत, अमेरिका ने कुछ वस्तुओं के पुन: निर्यात पर इसी तरह के नियंत्रण को सफलतापूर्वक लागू किया है।

खन्ना ने सिफारिश की है कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुरूप प्रतिबंध लगाना चाहिए।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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