अब बासमती चावल पर भारत-पाक में मचा घमासान

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इस्लामाबाद, 27 जनवरी (आईएएनएस)। भारत और इसके चिर-प्रतिद्वंद्वी देश पाकिस्तान के बीच खेल, राजनीति और कूटनीति समेत लगभग हर मोर्चे पर द्वंद्व कोई नई बात नहीं है। लेकिन, अब दोनों के बीच जिस विषय पर रस्साकशी तेज हुई है वह है बासमती चावल। वैसे तो पाकिस्तान ने बासमती चावल के लिए जीआई (जिओग्राफिकल इंडिकेटर) टैग हासिल कर लिया है जो बासमती चावल के उत्पत्ति-स्थल को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) में इसकी दावेदारी को मजबूत बना सकता है, मगर भारत ने भी ईयू में इस बात के लिए आवेदन दाखिल कर दिया है कि भारत को बासमती का उत्पत्ति-स्थल घोषित किया जाए।

बहरहाल, एक आधिकारिक सूत्र ने इसकी पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने 26 जनवरी, 2021 को जीआई टैग हासिल कर लिया है। इससे पाकिस्तान को ईयू में भारत के खिलाफ अपना पक्ष मजबूती से रखने में मदद मिलेगी। बासमती के लिए ईयू में अपना जीआई टैग रजिस्टर करवा कर पाकिस्तान ने भारत के दावे को चुनौती दी है। अब वह ईयू में बासमती के लिए उसी संरक्षण की मांग करेगा जैसा कि भारत कर रहा है।


अधिकारी ने बताया कि चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बासमती की कीमत ज्यादा मिलती है, अतएव भारत ने ईयू में पाकिस्तान के कारोबार में यह कहकर रोड़ा डालने की कोशिश की कि उसका बासमती असली है।

इसके बाद पाकिस्तान ने तुरंत इसका संज्ञान लिया। राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (आरईएपी) ने बासमती की किस्मों एवं उनकी विशेषताओं से जुड़ी एक पुस्तिका तैयार की। इन प्रक्रियाओं का पालन करना पाकिस्तान में बासमती चावल उत्पादक किसी भी किसान अथवा ऑपरेटर के लिए जरूरी है।

आरईएपी एक कारोबारी संस्था है जो विश्व को बासमती का निर्यात करने में पाकिस्तान के निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करती है। पाकिस्तान सरकार ने ट्रेड डेवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ पाकिस्तान (टीडीएपी) को बासमती के रजिस्ट्रार के रूप में मनोनीत किया है। इसी संस्था ने ईयू के बौद्धिक सम्पदा संगठन (आईपीओ) में पाकिस्तान की ओर से आवेदन दाखिल किया है।


बहरहाल, पाकिस्तान की मंशा है कि ईयू में भारत को जीआई टैग हासिल न हो क्योंकि अगर भारत को बासमती चावल के कारोबार का अधिकार प्राप्त कर लेता है तो इसके निर्यात में पाकिस्तान को अरबों का नुकसान हो सकता है।

–आईएएनएस

एसआरएस-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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