बेरोजगारी के आंकड़ों पर मायावती का तंज- अब पछताने से क्या होगा, जब चिड़िया चुग गई खेत

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उन्होंने आगे लिखा कि "केन्द्र व राज्य सरकारों से भी अपील है कि वे इस राष्ट्रीय संकट की घड़ी में जाति, धर्म व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर व कोई भी फैसला लेते समय खासकर गरीबों, कमजोर तबकों, मजदूरों व किसानों आदि के हितों व इनकी मदद का जरूर ध्यान रखें।"

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को गरीब और बेरोजगारों पर तंज कसते हुए कहा कि अब पछताने से क्या होगा, जब चिड़िया चुग गई खेत।

मायावती ने ट्वीट किया, “श्रम मंत्रालय ने लोकसभा चुनाव के बाद अब अपने डाटा से इस बुरी खबर को प्रमाणित कर दिया है कि देश में बेरोजगारी की दर पिछले 45 सालों में सबसे अधिक 6.1 प्रतिशत पर जा पहुंची है। परन्तु गरीबी व बेरोजगारी के शिकार करोड़ों लोगों द्वारा अब पछताने से क्या होगा जब ‘चिड़िया चुग गई खेत’।”



उन्होंने देश की विकास दर के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के बारे में कहा कि देश के लिए यह भी अच्छी खबर नहीं है कि भारत के आर्थिक विकास की दर घटकर 5.8 पर आ गई जो बहुत नीचे है।

मायावती ने कहा, “सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास की यह दर कृषि व फैक्ट्री उत्पाद में भारी गिरावट का परिणाम है। पहले से ही काफी त्रस्त देश की गरीब जनता के जीवन का सही कल्याण कैसे होगा?”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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