अभिलाष ने नेवी से लिया वीआरएस, गोल्डन ग्लोब रेस 2022 में हिस्सा लेंगे

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तिरुवनंतपुरम, 11 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया का चक्कर लगाने वाले पहले भारतीय और दूसरे एशियाई कमांडर अभिलाष टॉमी ने भारतीय नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। अब वे गोल्डन ग्लोब रेस 2020 में भाग ले रहे हैं।

अभिलाष ने गोवा से फोन पर बात करते हुए आईएएनएस को बताया, मैंने भारतीय नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी, उसे अब मंजूरी मिल गई है। मैं अब 18 महीने बाद होने वाली गोल्डन ग्लोब रेस 2022 पर फोकस कर रहा हूं।


टॉमी ने कहा कि उन्हें इस अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए एक बड़े स्पॉन्सर की जरूरत है, जिसके लिए वे कुछ बड़े औद्योगिक घरानों या ग्रुप से सपोर्ट लेने की बात कर रहे हैं।

नेवी के यह अधिकारी उस समय चर्चा में आए थे, जब 2018 में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तट से 3,200 किमी दूर भारी तूफान में जहाज का मस्तूल टूटने के कारण वे डूब गए थे। अभिलाष को एक फ्रांसीसी नौसैनिक दल ने बचाया था और उन्हें काफी चोटें आई थीं।

इससे पहले, 2013 में अपनी बोट आईएनएस मेहदी से उन्होंने अकेले 150 दिनों में दुनिया का चक्कर लगाया था। इस दौरान उन्होंने 100 किमी प्रतिघंटे से अधिक की रफ्तार से चलने वाली हवाओं और 9-12 फीट ऊंची लहरों को मात देकर खासी सराहना बटोरी थी। उनकी यह एकल यात्रा 1 नवंबर, 2012 को गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई थी और 23,100 समुद्री मील की दूरी तय करने के बाद 31 मार्च, 2013 को वे फिर से गेटवे ऑफ इंडिया पहुंच गए थे।


इसके बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 6 अप्रैल 2013 को गेटवे ऑफ इंडिया पर उनका औपचारिक स्वागत किया था।

राष्ट्रपति ने कहा था, समुद्र पर 150 दिनों की लंबी यात्रा करने के दौरान दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक महासागरों को अकेले, बिना रुके पार करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

अभिलाष को 2013 में कीर्ति चक्र दिया गया था। यह पुरस्कार पाने वाले वे दूसरे नौसेना अधिकारी हैं। 2019 में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें नाव सेना पदक से भी सम्मानित किया था।

–आईएएनएस

एसडीजे/एसजीके

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