अफगान सरकार शांति प्रयासों में अड़ंगा लगा रही : तालिबान

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काबुल, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। अंतर-अफगान वार्ता में लंबे समय से हो रही देरी के बीच तलिबान ने अफगानिस्तान सरकार पर शांति प्रक्रिया में अड़ंगा लगाने का आरोप लगाया है और कहा कि अमेरिका और नाटो भी शांति समझौते को बखूबी लागू करने में विफल रहे है, जो वाशिंगटन में फरवरी में हुआ था।

टोलो न्यूज के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मानवीय आदार पर संघर्ष विराम करने और हिंसा में कमी लाने के आह्वान के जवाब में रविवार को तालिबान का यह बयान सामने आया। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी एक संदेश तालिबान से, विशेष रूप से कोरोनावायरस के मद्देनजर संघर्षवरिाम की अपील की थी।


तालिबान ने कहा कि संघर्षविराम के लिए अफगान सरकार का आह्वान तर्कसंगत और ठोस नहीं है जबकि अफगान सरकार द्वारा शांति प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा है और इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।

तालिबान ने दावा किया कि अफगान सरकार की दिलचस्पी युद्ध जारी रखने में है। इसने कहा , “(अफगान सरकार) ने शुरू से ही समझौते के क्रियान्वयन के रास्ते में बाधाएं पैदा करनी शुरू कर दी।”

समूह ने स्पष्ट किया कि अब तक, सरकार ने कैदियों की रिहाई को टाल रखा है। एक समावेशी वार्ता टीम का गठन नहीं किया है।


समूह ने यह भी कहा कि समझौते को लागू करने में अमेरिका, नाटो और उसके सहयोगियों ने अपनी भूमिका नहीं निभाई है।

तालिबान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता सेदिक सिद्दीकी ने रविवार को कहा कि आतंकवादी समूह अफगानिस्तान सरकार, देश के धार्मिक विद्वानों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, नाटो और यूरोपीय संघ द्वारा बार-बार अपील करने के बावजूद अफगानिस्तान के लोगों के खिलाफ लड़ने पर जोर दे रहा है।

सिद्दीकी ने कहा कि हाल के दिनों में लोगों और देश के सुरक्षा बलों के खिलाफ तालिबान के हमलों में वृद्धि ने दर्शाया है कि तालिबान हिंसा में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध नहीं है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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