जामताड़ा पर कसा शिकंजा तो नूंह, मथुरा और भरतपुर बना साइबर ठगों का नया ठिकाना, ऐसे करते हैं जालसाजी

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जामताड़ा पर कसा शिकंजा तो नूंह, मथुरा और भरतपुर बना साइबर ठगों का नया ठिकाना, ऐसे करते हैं जालसाजी

झारखंड के जामताड़ा में पुलिस द्वारा शिकंजा कसने के बाद नूंह, मथुरा और भरतपुर के साइबर ठगों ने अब दिल्ली-एनसीआर के लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। पुलिस के अनुसार, 80 फीसदी ठगी के मामलों को इन्हीं तीन जिलों के जालसाज अंजाम दे रहे हैं। हर दिन जिले में किसी न किसी तरीके से जालसाज करीब 20 लोगों को अपना शिकार बनाकर उनके साथ ठगी कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, ये जालसाज उड़ीसा, बिहार, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल के राज्यों से फर्जी सिम लाते हैं। उसके बाद उन नंबरों के माध्यम से ठगी को अंजाम देते हैं। यहां के लोगों के साथ सोने की ईंट के नाम पर ठगी करते थे। एक साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि तीनों जिलों के बॉर्डर पर ब्लैक स्पॉट टॉवर बनता है, जिससे कई बार मथुरा का टॉवर सिग्नल पकड़ता है तो कई बार नूंह का टॉवर, जबकि जालसाज की लोकेशन भरतपुर में होती है। पुलिस सही लोकेशन नहीं मिलने के कारण जालसाज तक नहीं पहुंच पाती है।


38 फीसदी ज्यादा लोगों से ठगी

गुरुग्राम पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार लॉकडाउन में साइबर ठगों की चांदी हो गई। जालसाजों ने पिछले साल के मुकाबले इस साल 38 फीसदी ज्यादा लोगों को चूना लगाया है। जालसाजों ने गुरुग्राम में 22 मार्च 2020 से लेकर 07 जुलाई तक 3568 लोगों को चपत लगाई है। वहीं इस साल जनवरी से लेकर जून तक 6002 लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं, जबकि पिछले साल 2019 में जनवरी से जून तक 3610 लोगों के साथ ठगी की गई। पुलिस अधिकारियों की मानें तो जालसाजों ने इस दौरान दो से तीन करोड़ रुपये उड़ा लिए हैं।

ऐसे करते हैं ठगी

इन जिलों के जालसाजों का तरीका जामताड़ा के ठगों से थोड़ा अलग है। ये लोग फेसबुक आईडी हैक कर दोस्तों से बातकर ठगी करते हैं। इसके अलावा ओएलएक्स पर गाड़ी बेचने और शराब की होम डिलीवरी के नाम पर ठगी कर रहे हैं।

सबसे ज्यादा शिकार ऑनलाइन बैंकिंग इस्तेमाल करने वाले लोग हुए हैं। ऑनलाइन बैंकिंग में ठगी के 2259 मामले सामने आए हैं। इसके बाद पेटीएम से जुड़े 594, एटीएम फ्रॉड से जुड़े 323, ओएलएक्स से 338 और फेसबुक से ठगी के 323 मामले सामने आए हैं।


एसीपी डीएलएफ करन गोयल ने कहा, ‘एनसीआर के नूंह, मथुरा और भरतपुर जिलों के लोग ठगी कर रहे हैं। यह लोग पिछले छह महीने से सक्रिय हैं। लोग सतर्क रहें और जालसाजों की बातों में नहीं आएं।’


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