UP: ओमप्रकाश राजभर पर भाजपा ले सकती है बड़ा फैसला, चुनाव में पार्टी की बढ़ा दी थी परेशानी

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UP: ओमप्रकाश राजभर पर भाजपा ले सकती है बड़ा फैसला, चुनाव में पार्टी की बढ़ा दी थी परेशानी

लोकसभा चुनाव के समाप्त होने के बाद भाजपा अब अपने बागी नेताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। ऐसे में अब आशंका है कि उत्तर प्रदेश में  मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर के भाजपा के साथ संबंधों पर कोई प्रगति दिख सकती है। भाजपा नेतृत्व अब इनके बारे में कोई ठोस फैसला ले सकता है। माना जा रहा है कि चुनाव के दौरान मंत्री राजभर द्वारा प्रत्याशी उतारने और मंचों से भाजपा पर हमला करने के मसले पर राज्य भाजपा कोई कार्यवाई कर सकती है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए भी राजभर राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार पर पिछले करीब एक साल से हमले करते आ रहे थे। चुनाव की घोषणा होने के बाद भाजपा और राजभर के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। भाजपा अपने सिंबल पर राजभर को घोसी सीट देना चाहती थी, जिसे उन्होंने नकार दिया था। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की 39 सीटों पर अपनी पार्टी से प्रत्याशी उतार दिए। जिन सीटों से उनकी पार्टी के प्रत्याशियों के नामांकन खारिज हुए वहां पर राजभर ने कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन दिया।


आखिरी चरणों में झोंकी ताकत, मतदान के बाद सपा-बसपा के पक्ष में दिया बयान

प्रदेश में राजभर बिरादरी के बीच अपनी मजबूत पकड़ दिखाने के लिए राजभर ने पूर्वांचल और अवध की वे सीटें जहां पर छठवें और सातवें चरण में मतदान हुआ वहां पूरी ताकत झोक रखी थी। हर संसदीय क्षेत्र में कई कई सभाएं की। बिरादरी के मतों को एकजुट करने के लिए अपने समस्त कार्यकर्ताओं को लगा दिया था। राजभर को विश्वास है कि इस चुनाव में पूर्वांचल की विभिन्न सीटों से उनके सभी प्रत्याशियों को मिलाकर दस लाख से भी अधिक वोट मिल सकते हैं। अंत में उन्होंने चुनाव के आखिरी दौर में वोट देने के बाद यह भी कह दिया कि पूर्वांचल में सपा-बसपा गठबंधन बेहतर प्रदर्शन करेगी।

और बढ़ सकती है भाजपा से दूरी

ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के नेता भी मानते हैं कि अब भाजपा से दूरी और बढ़ सकती है। यह भी आशंका जता रहे हैं कि प्रदेश सरकार ओम प्रकाश राजभर को मंत्री पद से हटा सकती है। आयोगों और निगमों से भी पार्टी के नेताओं को हटाया जा सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व राजभर के मुद्दे पर 23 मई को आम चुनाव का परिणाम आने के बाद फैसला लेगा।

गौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा से नाराज होकर इस्तीफा भी दे दिया है, मगर राज्य सरकार ने अभी तक इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है।


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