अहमदाबाद : एफआरए, मनरेगा के कार्यान्वयन की मांग को लेकर जनजातीय लोगों का प्रदर्शन

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अहमदाबाद, 12 फरवरी (आईएएनएस)| गुजरात के छह जिलों से सैकड़ों जनजातीय लोगों ने यहां साबरमती नदी के किनारे वन अधिकार अधिनियम (एफआरए), खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एफएसए) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू करने की मांग करते हुए एक रैली निकाली। उन्होंने अहमदाबाद कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने एफआरए 2006 के तहत भूमि स्वामित्व की मांग की।

इस मार्च में बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली, महीसागर, दाहोद और पंचमहल जैसे पूर्वी जिलों से सात से आठ हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च के नेतृत्व करते हुए एकलव्य संगठन ने प्रदर्शनकारियों की मांगों पर प्रकाश डाला।


एकलव्य संगठन के अनुसार, मात्र 40 फीसदी (73,921) जनजातीय लोगों को जमीन अधिकार पत्र दिए गए हैं। जबकि वन अधिकार अधिनियम के तहत सही दावे कर रहे 1,08,948 लोगों को विभिन्न कारणों से प्रमामपत्र देने से इनकार कर दिया गया।

गुजरात सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कुल 73,921 (40 फीसदी) किसानों को इस तरह के अधिकार पत्र दिए गए हैं।

एकलव्य संगठन के संयोजक बंसी सोलंकी ने आईएएनएस को बताया, “अगर कोई आवेदन ग्राम सभा द्वारा सत्यापित कर दिया जाता है और ब्लॉक कार्यालय में जमा करा दिया जाता है तो उसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता।”


यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने मनरेगा और एफएसए के तहत भी अपने अधिकारों की मांग की।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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