अहमदाबाद विवि के प्रोफेसर ऐस्पेन यूनिवर्सिटी टीचिंग अवार्ड से सम्मानित

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अहमदाबाद, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। अहमदाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सिद्धार्थ सक्सेना को वाशिंगटन की एस्पेन इंस्टीट्यूट की तरफ से प्रतिष्ठित आइडियाज वर्थ टीचिंग अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया है।

प्रोफेसर सक्सेना का कोर्स फ्यूचर ऑफ वर्क दुनियाभर में से चुने गए उन नौ पाठ्यक्रमों में से एक है, जिसमें वैश्विक आपदा के समाधान पर बात की गई है और आगे बढ़ने के लिए कुछ नए विचार भी सुझाए गए हैं, जिनसे समाज के पुनर्निर्माण के काम में मदद मिलने के आसार हैं। प्रोफेसर सक्सेना अहमदाबाद यूनिवर्सिटी के अमृत मोदी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में पढ़ाते हैं।


शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित किसी को दिया गया यह अवार्ड एशिया और भारत में इकलौता है। अन्य विजेताओं में व्हार्टन स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन का द रॉस स्कूल ऑफ, इनसीड, टोरंटो विश्वविद्यालय का द रॉटमैन स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ लिंज, इंसब्रुक, ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, एरिजोना स्टेट और सैन फ्रांसिस्को स्टेट शामिल हैं।

एस्पेन यूनिवर्सिटी के बिजनेस व सोसायटी प्रोग्राम ने नौ उल्लेखनीय पाठ्यक्रमों और उन फैकल्टियों की पहचान की, जिन्होंने आइडियाज वर्थ टीचिंग अवार्ड 2020 पाने की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया है। इस पुरस्कार के माध्यम से उन फैकल्टियों को सम्मानित किया गया, जो व्यावसायिक शिक्षा को पुनर्परिभाषित कर सीखने के नए अनुभव प्रदान कर रहे हैं। इनसे कल के प्रबंधकों में कई कौशलों और निर्णय लेने की क्षमताओं का विकास होता है। इससे वे जटिल से जटिल परिस्थितियों में कारोबार का बेहतर नेतृत्व करने के मामले में सक्षम बन जाते हैं।

अहमदाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पंकज चंद्रा ने इस पुरस्कार के लिए प्रोफेसर सक्सेना को बधाई देते हुए कहा, “दुनिया कई जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है, चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो या आज की यह महामारी। पुराने ढंग से शिक्षा दिलाने की नीति, आज के जमाने की चुनौतियों का सामना करने के मामले में पर्याप्त नहीं है। ऐसे में हमें इन मुद्दों का समाधान करने के लिए शिक्षा का पुनर्निर्माण करने की जरूरत है।”


सिद्धार्थ का पाठ्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बिजनेस एंड सोसाइटी एडवाइजर क्लेयर प्रीजर ने कहा, “हर नए स्तर के साथ साल 2020 ने व्यापार और समाज की जरूरतों पर नए सिरे से सोच की आवश्यकता को रेखांकित किया है।”

उन्होंने आगे कहा, “चाहे वह कोविड-19 महामारी हो या इससे उत्पन्न आर्थिक संकट या फिर नस्लीय भेदभाव पर न्याय की मांग के लिए हो रहा विरोध हो, यह साल व्यावसायिक मानदंडों के पुर्ननिर्माण की दृष्टि से उपयुक्त है, ताकि अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करने के दौरान हम खुद में भी विकास ला सकें।”

–आईएएनएस

एएसएन/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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