एयर स्ट्राइक पर सियासत: अमित शाह बोले- 250 आतंकी मारे, विपक्ष ने घेरा

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पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना के द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर की गई एयर स्ट्राइक पर राजनीति शुरू हो गयी है। इस एयर स्ट्राइक में कितने आतंकवादी मारे गए, ये सवाल हर किसी के मन में बना हुआ है। इंडियन आर्मी या वायु सेना का इस मिशन में मारे गए आतंकियों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया। लेकिन, मीडिया खबरों में तरह-तरह के दावे किये गए। रविवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख अमित शाह ने बड़ा बयान दिया है। अमित शाह ने दावा किया कि वायुसेना की एयर स्ट्राइक में 250 से अधिक आतंकवादी मारे गए।

अमित शाह के इस बयान पर अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह के इस बयान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब सेना की ओर से कोई आंकड़ा नहीं आया है तो क्या अमित शाह चुनावी फायदे के लिए सेना को झूठा बोल रहे हैं।



दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद में एक रैली में अपने भाषण के दौरान अमित शाह ने दावा किया कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद हर किसी को लगता था कि इस बार सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हो सकती है, लेकिन क्या हुआ? पुलवामा आतंकी हमले के 13वें दिन की गई मोदी सरकार की एयरस्ट्राइक में 250 से अधिक आतंकी मारे गए हैं।


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अमित शाह ने कहा कि जब विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ा गया तो लोग आलोचना करने लगे, लेकिन युद्ध है तो एक जवान पकड़ा भी जा सकता है। लेकिन मोदी सरकार का प्रभाव ऐसा था कि विश्व में सबसे जल्द कोई युद्ध कैदी वापस आया है, तो वह अभिनंदन है।

हालाँकि, रविवार को मोदी सरकार में मंत्री एसएस अहलूवालिया ने कहा कि एयर स्ट्राइक का उद्देश्य लोगों को मारना नहीं था, बल्कि यह संदेश देना था कि भारत दुश्मन की रेखाओं के भीतर घुसकर मारने में सक्षम है।

मनीष तिवारी और सिब्बल  ने घेरा

अमित शाह के बयान पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि जब वायुसेना के अधिकारियों ने किसी भी तरह के आंकड़े को बताने से इनकार किया था, तो फिर अमित शाह इस तरह का बयान क्यों दे रहे हैं। क्या ये एयरस्ट्राइक को राजनीति से जोड़ना नहीं हुआ।


मनीष तिवारी के अलावा कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने ट्वीट किया कि दुनिया के कई अखबार कह रहे हैं बालाकोट में कुछ नहीं हुआ, तो क्या वह पाकिस्तान समर्थक हैं?


आपको बता दें कि 26 फरवरी को पाकिस्तान की सीमा में घुसे वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों को तबाह किया था। वायुसेना ने अपने बयान में कहा था कि उनके निशाने टारगेट पर लगे हैं, जो वो करना चाहते थे वो किया है। हालांकि, सेना ने किसी तरह का आंकड़ा जारी नहीं किया था।

एयरस्ट्राइक के बाद से ही इस मामले को लेकर सियासत शरू हो गयी। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने इससे देश में मोदी लहर पैदा होने की बात कही। गुजरात में भाजपा के प्रवक्ता भरत पांड्या ने कहा था कि सीआरपीएफ जवानों पर हमले के बाद इस वक्त देश में जो राष्ट्रवाद की लहर उठी है, उसे वोटों में बदला जाए।

इसके बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने एयर स्ट्राइक के सबूतों की मांग की है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को अपने बयान में कहा था कि जिस तरह अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के मारने के सबूत जारी किए थे, उसी तरह भारत सरकार को एयर स्ट्राइक की जानकारी सामने रखनी चाहिए।

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार से एयर स्ट्राइक के सबूत सामने रखने की बात कही थी। विपक्ष के इन सवालों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी रैलियों में प्रतिक्रिया दी। रविवार को ही पटना रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि विपक्ष के कुछ लोग इस प्रकार के सवाल उठा रहे हैं, जिससे पाकिस्तान की संसद, मीडिया को फायदा मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के बयान से सेना के मनोबल को तोड़ने का काम किया जा रहा है।


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