21 सिख सैनिकों की अफगानों से जंग की कहानी ‘केसरी’, देखें एक्शन से भरपूर ट्रेलर

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21 सिख सैनिकों की अफगानों से जंग की कहानी 'केसरी', देखें एक्शन से भरपूर ट्रेलर

अक्षय कुमार की आगामी फिल्म ‘केसरी’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है। करीब 3 मिनट के इस वीडियो (Kesari Trailer) में सिख सैनिक बने अक्षय अफगानी सैनिकों की पूरी फ़ौज से लोहा लेते दिखाई दे रहे हैं। ट्रेलर में जबरदस्त एक्शन द‍िखाया गया है। अक्षय केसरी में हवलदार ईश्वर सिंह के किरदार में हैं। परिणीति चोपड़ा फ़ीमेल लीड में हैं।

अक्षय कुमार (Akshay Kumar) काली घनी दाढ़ी के साथ एंग्री यंग मैन के लुक में नजर आ रहे हैं, जबकि परिणीति चोपड़ा (Parineeti Chopra) ने पंजाबी सूट में बेहद खूबसूरत लग रही हैं। अक्षय कुमार ने ट्रेलर र‍िलीज से पहले केसरी की कई झलक शेयर की थी। इनमें सिख जवानों-अफगानी सैनिकों का हुजूम नजर आया। साथ ही चमकती हुई तलवार और चक्रम को द‍िखाया गया था।


धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी यह फिल्म एक पीरियड ड्रामा है। फिल्म की कहानी 1897 में हुए बैटल ऑफ सारागढ़ी पर आधारित है, जो 21 मार्च को रिलीज होगी। केसरी की कहानी गिरीश कोहली और अनुराग सिंह ने मिलकर लिखी है। फिल्म का डायरेक्शन भी अनुराग सिंह ने ही किया है। ट्रेलर रिलीज होने के कुछ मिनटों में ही इंटरनेट पर वायरल हो गया है। इससे जुड़े मीम भी सोशल मीडिया पर घूम रहे हैं।

क्या है बैटल ऑफ सारागढ़ी की कहानी…

साल 1897 में ब्रिटिश हुकूमत अपना साम्राज्य भारत के बाहर भी फैलाने की कोशिश कर रहे थे। भारत से अफगानिस्तान की सरहद लगी हुई थी। अफगानिस्तान में अमीर का राज था। अमीर ने अंग्रेजों के साथ समझौता किया था। हालांकि, अफगानिस्तान की सरहद में कई ऐसे कबीले थे जो इस समझौते को नहीं मानते थे। अमीर का भी इन पर कोई वश नहीं था।

अफगानिस्तान के ये कबीले भारत के कई जगहों पर हमले करते थे। इन हमलों को रोकने के लिए भारत-अफगान सीमा पर स्थित कोहट के सारागढ़ी पर दो किले बनाए। गुलिस्तान का किला, लॉकहार्ट का किला। इन किलों की सुरक्षा के लिए 36 सिख बटालियन के 21 सिखों को तैनात किया गया। 12 सितंबर, 1897 की सुबह करीब 10 हजार अफगानी सैनिकों ने हमला बोल दिया।


सिखों ने मांगी अंग्रेजों से मदद

लॉकहार्ट के किले पर अंग्रेजी अफसर थे। सिखों ने उन्हें संदेश भेजा कि 10 हजार अफगानियों ने चढ़ाई कर दी है। ऐसे उन्हें तुरंत मदद की जरूरत है। हालांकि, अंग्रेजी अफसर ने जवाब दिया कि इतने कम समय में सेना नहीं भेजी जा सकती। इसके बाद केवल 21 सिखों ने अफगानों से लोहा लेना शुरू कर दिया। दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई थी।

लड़ाई में भगवान सिंह सबसे पहले घायल हुए। इसके बाद लाल सिंह घायल हुए थे। दुश्मनों ने किले की दीवार के एक हिस्से को तोड़ दिया था। अफगानों ने मुख्य द्वार को खोलने के लिए दो बार प्रयास किया लेकिन, असफल रहे थे। दीवार टूटने के बाद आमने-सामने भयंकर लड़ाई हुई थी।

तलवार लेकर टूट पड़े सिख

किले की दीवार टूटने के बाद सिखों का मनोबल टूटने लगा था। वहीं, धीरे-धीरे अफगानी लड़ाके उन पर भारी पड़ रहे थे। वहीं, इन सिखों में से हर एक सिपाही नहीं था। फिर भी सभी सिख बंदूक छोड़कर ‘जो बोले सो निहाल’ का नारा लगाकर तलवार से अफगानियों पर हमला करने लगे। इन 21 सिखों ने 600 अफगानियों को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि, हवलदार ईश्वर सिंह समेत ये लड़ाके वीरगति को प्राप्त हो गए। इसके बाद अंग्रेज सिपाहियों ने अफगानियों को मार भगाया था।

देखें ट्रेलर:


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