यूपी: प्रयागराज में हुई हत्या का तब्लीगी जमात से लेना-देना नहीं, पुलिस ने किया खंडन

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'धार्मिक आधार पर कोरोना मरीजों की पहचान करने से बढ़ सकती हैं लिंचिंग की घटनाएं'

देश में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच फेक न्यूज़ भी धड़ल्ले से फैल रहा है। पिछले कुछ दिनों में तबलीगी जमात को लेकर तमाम तरह की खबरें चल रही हैं। इन खबरों में भी झूठ का बाजार गर्म है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का है। रविवार को एक घटना सामने आई जिसमें बताया गया कि तबलीगी जमात के खिलाफ टिप्पणी करने पर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दिन भर ये खबर सोशल मीडिया और मेनस्ट्रीम मीडिया में खूब चली। अब प्रयागराज पुलिस ने इस खबर का खंडन किया है।

क्या है मामला?

खबरों के मुताबिक, रविवार की सुबह इलाहबाद के करेली इलाके में तबलीगी जमात के खिलाफ टिप्पणी करने पर चाय की दुकान पर एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान लौटन निषाद के रूप में हुई है। बताया गया कि लोटन निषाद ने तबलीगी जमात के खिलाफ एक टिप्पणी की थी।इस बात पर वहां मौजूद मोहम्मद सोना से उसकी कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि मोहम्मद सोना ने लोटन को गोली मार दी। घटना के बाद वहां मौजूद लोगों ने मुख्य आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।


यहाँ तक कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दे दिए। साथ ही मृतक के परिवार को मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये देने की घोषणा की।

प्रयागराज पुलिस ने ट्विटर पर बताया है, “थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद वअन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक और अभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं, इनमें से किसी का भी संबंध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।”

वहीं प्रयागराज के सीनियर एसपी ने भी ट्विटर पर लिखा, “आप सबसे अपील है कि अफवाहों,अपुष्ट जानकारी अथवा सोशल मीडिया में निराधार टीका टिप्पणी को आधार मानकर कोई विवाद न करें।” उन्होंने कहा कि इस मामले में आठ नामजद एवं अन्य अभियुक्तों को हिरासत में लिया गया है और कठोर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। किन्तु अपने शहर और देश की आबो-हवा को संरक्षित एवं स्वस्थ रखने की जिम्मेवारी निभाना उचित होगा ।

बता दें कि पुलिस ने मृतक के भाई की तहरीर पर शानू उर्फ सोनू, उसके पिता कादिर और आठ अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही एसएसपी ने लापरवाही बरतने के आरोप में करेली के प्रभारी थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया है। मुख्यमंत्री ने भी स्पष्टीकरण मांगा है कि लॉकडाउन के दौरान चाय की दुकान कैसे खुली थी। उन्होंने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।


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