CAA: अलीगढ़ में 70 महिलाओं पर FIR, लखनऊ में पुलिस ने शौचालय में लगाया ताला, छीने कंबल

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CAA: अलीगढ़ में 70 महिलाओं पर FIR, लखनऊ में पुलिस ने शौचालय में लगाया ताला, छीने कंबल

नागरिकता संशोधन बिल (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में अब महिलाओं ने मोर्चा थाम लिया है और सड़कों पर उतर रही हैं। दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटा घर पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं की संख्या रविवार को दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ती जा रही है। शुक्रवार रात को शुरू हुआ प्रदर्शन 70 घंटे बाद भी जारी है। अब उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भी महिलाएं सड़कों पर दिखाई दे रही हैं। शनिवार को अलीगढ़ में 60-70 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

अलीगढ़ सिविल लाइंस के सर्कल अधिकारी (सीओ) अनिल सामनिया ने एफआईआर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यहां कुछ महिलाएं, धारा 144 लगे होने के बावजूद प्रदर्शन करने की कोशिश कर रही थीं। जिसके बाद इन सभी महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। वहीं, लखनऊ में धरने पर बैठी महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें प्रदर्शन से हटाने के लिए तरह-तरह से परेशान कर रही है। पुलिस ने महिला शौचालय पर ताला डाल दिया और उनके कंबल तक छीन लिए साथ ही ठंड से बचने के लिए जलाए गए अलाव पर भी पानी डाल दिया।


CAA: अलीगढ़ में 70 महिलाओं पर FIR, लखनऊ में पुलिस ने शौचालय में लगाया ताला, छीने कंबल

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी हैं। महिलाओं का कहना है कि टेंट आदि की व्यवस्था कर रहे कुछ पुरुषों को भी हिरासत में लिया गया है जबकि पुलिस इन आरोपों को निराधार बता रही है। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने प्रदर्शन के चलते शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका में कमिश्नरी क्षेत्र में धारा 144 भी लगा दी है। शनिवार को कुछ लोग कानून के पक्ष में भी घंटाघर पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने वापस कर दिया गया। यहां ठाकुरगंज, चौक, तालकटोरा, हसनगंज और विकास नगर समेत कई थानों की पुलिस मौजूद रही।

महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनका सहयोग करने वाले पुरुषों को रोका गया, कुछ को हिरासत में भी लिया गया। महिलाएं शुक्रवार को रातभर कोहरे और ठंड के बीच धरने पर बैठी रहीं। रात में महिलाओं की संख्या कम थी, लेकिन सुबह होते ही फिर से भीड़ जमा होने लगी।


जुमे की नमाज के बाद से डटी महिलाएं

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में महिलाएं शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शाम चार बजे से घंटाघर पर जुटी हैं। इनके साथ बच्चे भी हैं। हाथों में पोस्टर लिए महिलाएं सीधे तौर पर सरकार से सीएए कानून वापस लेने की मांग कर रही हैं। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने डीएम अभिषेक प्रकाश को ज्ञापन देकर सहयोग करने और उनकी आवाज को न दबाने की अपील की है।

बता दें नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली का शाहीन बाग अन्य शहरों के लिए एक प्रतीक बन गया है। 30 दिन से ज्यादा समय बीत गए लेकिन लोग वहां अभी तक धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शन में सबसे आगे महिलाएं हैं और साथ में बच्चों को भी धरनास्थल में शामिल किया जाता है। शाहीन बाग में महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए देश के अन्य कई शहरों- कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई, प्रयागराज, पटना, गया और इंदौर में महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।


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