आर्मी चीफ बिपिन रावत होंगे देश के पहले चीफ डिफेंस स्टाफ, कैबिनेट कमेटी ने नाम पर लगाई मुहर

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आर्मी चीफ बिपिन रावत होंगे देश के पहले चीफ डिफेंस स्टाफ, कैबिनेट कमेटी ने नाम पर लगाई मुहर

भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) देश के पहले चीफ डिफेंस स्टाफ हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट कमेटी ने जनरल रावत के नाम पर मुहर लगा दी है। बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 15 अगस्त के अपने भाषण में ऐलान किया था भारत में तीनों सेना के प्रमुख के रूप में सीडीएस होगा। अधिकारियों के मुताबिक, सीडीएस अन्य सेना प्रमुखों के समान ही होंगे। लेकिन प्रोटोकाल की सूची में सीडीएस का दर्जा सेना प्रमुखों से ऊपर होंगे।

बता दें, बिपिन रावत 31 दिसंबर को सेना से सेवानिवृत हो रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के 65 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तक सेवा देने से संबंधित नियमों में संशोधन किया है।अगर तीनों सेनाओं के प्रमुख में से किसी को नियुक्त किया जाता है तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की अधिकतम आयु 65 वर्ष करने के लिए सेवानिवृत्ति आयु में विस्तार करने के लिए सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के सेवा नियमों में परिवर्तन किये गये हैं। फिलहाल, सीडीएस की नियुक्ति तीन साल या 62 साल की अधिकतम उम्र के लिए मान्य है।


सीडीएस तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बैठाने और रणनीति तय करने का काम करेगा। तीनों सेनाओं के मामले में उसकी भूमिका रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार की होगी। सीडीएस के रूप में सेवानिवृत्त होने वाला सैन्य अधिकारी अन्य किसी सरकारी पद के लिए योग्य नहीं माना जाएगा। वह सरकार की अनुमति के बिना सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल तक निजी क्षेत्र में भी अपनी सेवाएं नहीं दे सकेगा। सीडीएस न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी (एनसीए) का भी सैन्य सलाहकार होगा। साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित तीनों सेनाओं की एजेंसियां, संगठन और कमान भी उसके अधीन काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि 1999 के कारगिल युद्ध के बाद से सुरक्षा विशेषज्ञ इसकी मांग करते रहे हैं। कारगिल के बाद तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) ने भी तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए CDS की सिफारिश की थी। GOM ने अपनी सिफारिश में कहा था अगर कारगिल युद्ध के दौरान ऐसी कोई व्यवस्था होती और तीनों सेनाएं बेहतर तालमेल से युद्ध के मैदान में उतरतीं तो नुकसान काफी कम होता। अब 20 साल बाद इसे अमली जामा पहनाया गया है।

दुनिया के कई देशों में CDS सिस्टम

अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम, जापान सहित दुनिया के कई देशों के पास चीफ ऑफ डिफेंस जैसी व्यवस्था है। NATO देशों की सेनाओं में ये पद हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी बड़ी भूमि, लंबी सीमाओं, तटरेखाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों को सीमित संसाधनों से निपटने के लिए भारत के पास एकीकृत रक्षा प्रणाली के लिए चीफ ऑफ डिफेंस पद की सख्त जरूरत थी।



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