TRP में फँसे अर्णब गोस्वामी का कथित तौर पर 500 से ज़्यादा पन्नों का वाट्सऐप चैट लीक

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नई दिल्ली: अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) काफी समय से विवादों में चल रहे हैं । जिस टीआरपी स्कैम में उनका नाम आ रहा था उसमें अब मुंबई पुलिस ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट यानी पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें 500 से ज़्यादा पन्नों की कथित तौर पर अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) की वाट्सऐप चैट को सबूत के तौर पर पेश किया गया है। वही वाट्सऐप चैट अब लीक हुई है। वह वाट्सऐप चैट टीआरपी (Whatsapp chat TRP) तैयार करने वाली एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख पार्थो दासगुप्ता (Partho Dasgupta) और रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी (Republic TV chief editor Arnab Goswami) के बीच की बतायी जा रही है। मुंबई पुलिस (Mumbai Police)  ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट तीन दिन पहले ही दाखिल की है।

पूरक आरोप-पत्र में कहा गया है कि विकास एस खानचंदानी, एआरजी आउटलेयर मीडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोमिल वी रामगढ़िया और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पार्थो दासगुप्ता ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर टीआरपी में हेरफेर करने के लिए व्यूअरशिप डेटा में हेरफेर करने की साज़िश रची।


आरोप पत्र में कहा गया है कि खानचंदानी ने एआरजी के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रिया मुखर्जी के साथ मिलकर काम किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अधिक दर्शक उनके चैनल – रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत को देखा जा रहा है। इस पूरक चार्जशीट में ईमेल जैसे सबूत का हवाला दिया गया है और यही उनके वाट्सऐप ग्रुप चैट के ज़रिए पता चला है।

कथित तौर पर वही वाट्सऐप ग्रुप चैट अब लीक हुई है। यह सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रही है। जाने माने वकील प्रशांत भूषण ने लिखा है, ‘ये BARC CEO (BARC के पूर्व CEO) और अर्णब गोस्वामी के बीच लीक हुई वाट्सऐप चैट के कुछ स्नैपशॉट हैं। वे इस सरकार में कई षड्यंत्रों और सत्ता तक अभूतपूर्व पहुँच दिखाते हैं। मीडिया और सत्ता के दलाल के रूप में उनके पद का घोर दुरुपयोग। क़ानून के शासन वाले किसी भी देश में वह लंबे समय तक जेल में रहेंगे।’

अभीजित दिपके नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है, ‘अर्णब की वाट्सऐप चैट लीक हो गयी। इसका डेटा 80 एमबी से अधिक है। ये अर्णब के कुछ स्क्रीनशॉट हैं जो पीएमओ से मदद माँगते हुए दिखाते हैं।’

लीक चैट में से 25 मार्च 2019 की कुछ चैट में पार्थो दासगुप्ता ने बार्क का एक गोपनीय पत्र अर्णब को भेजा। इस लेटर के साथ भेजे गए संदेश में कहा गया है कि उन्होंने एनबीए को जाम कर दिया है। उन्होंने चैट में लिखा है, ‘रजत मेरे पीछे पड़ जाएँगे।’ फिर वह पीएमओ की सहायता करवाने की माँग करते हैं। इस पर चैट में अर्णब आश्वस्त करते हैं कि ‘हो जाएगा’। फिर लिखते हैं, ‘रजत की कोई पहुँच नहीं है।’ इस कथित चैट में वह यह भी लिखते हैं कि वह ‘प्रधानमंत्री से गुरुवार को मिल सकते हैं’।

इस चैट में पार्थो लिखते हैं, ‘कृपया किसी से कहें कि वह रजत, एनबीए और ट्राई को हमारे मामले में अंगुली न करने के लिए कहे। ट्राई ग़लत सूचना फैला रही है कि हम रेटिंग को नहीं दिखा रहे हैं। मैंने बीजेपी को उस विज्ञापन वाले मामले में भी मदद की थी और कई मुद्दों पर मिनिस्ट्री ऑफ़ इंफ़ोर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग (Ministry of Information and Broadcasting) की भी।’

हाईकोर्ट ने इस मामले में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी व एआरजी आउटलर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों को गिरफ्तारी से मिली राहत को 29 जनवरी 2021 तक के लिए बढा दिया है।

बता दें कि टीआरपी में गड़बड़ी का यह मामला 8 अक्टूबर को तब सामने आया जब मुंबई पुलिस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी। 6 अक्टूबर को केस दर्ज किया गया था। मुंबई पुलिस का दावा है कि कुछ टीवी चैनल पैसे देकर अपनी टीआरपी बढ़ाया करते थे। इस मामले में रिपब्लिक टीवी पर भी गंभीर आरोप लगे हैं।

टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों के नाम सामने आए। मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि विज्ञापन की ऊँची क़ीमतें वसूलने के लिए ये चैनल रेटिंग से छेड़छाड़ करा रहे थे जो कि धोखाधड़ी की श्रेणी में आती है। तीन में से दो चैनलों के मालिकों को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका था। इसके बाद दिसंबर महीने में रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी को गिरफ़्तार किया गया था। इससे पहले 10 अक्टूबर को रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास, सीएफ़ओ शिव सुब्रह्मण्यम सुंदरम सहित छह लोगों को समन भेजा गया था।

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