देशभर में नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन (NRC) को लेकर बहस छिड़ी हुई है। बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनआरसी के मुद्दे पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को आड़े हाथों लिया। केजरीवाल ने कहा कि अगर दिल्ली में NRC लागू हुई तो मनोज तिवारी को ही दिल्ली छोड़नी पड़ेगी।
दरअसल, बुधवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने किराए पर घर लेकर रहने वाले लोगों के लिए बड़ा ऐलान किया, केजरीवाल सरकार ने किराएदारों के लिए बिजली के प्री-पेड मीटर का ऐलान किया। इसी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केजरीवाल से पूछा गया था कि दिल्ली में पत्रकार पर जो हमला हुआ था, उस पर मनोज तिवारी का कहना है कि उसके लिए घुसपैठिये ज़िम्मेदार हैं। क्या दिल्ली में एनआरसी लागू होना चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘अगर NRC दिल्ली में लागू हुआ तो सबसे पहले मनोज तिवारी को दिल्ली छोड़नी पड़ेगी।’
#WATCH Delhi CM on being asked ‘Manoj Tiwari said infiltrators are responsible for attack on a journalist so NRC should be implemented in Delhi’: If NRC (National Register of Citizens) is implemented in Delhi then Manoj Tiwari will be the first one who will have to leave Delhi. pic.twitter.com/BCQBR268cU
— ANI (@ANI) September 25, 2019
केजरीवाल के इस बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी पलटवार किया है। मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल अपने ही देश के प्रवासियों को दिल्ली का नहीं समझते हैं, इससे पहले दिल्ली के सीएम रिपब्लिक डे में परेड का विरोध कर चुके हैं। मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल हमेशा ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ वाले गैंग का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को मालूम होना चाहिए कि NRC में घुसपैठियों को चिह्नित किया जाता है।
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बीजेपी सांसद ने कहा कि क्या बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश का हो जाने से कोई NRC में आ जाता है। अरविंद केजरीवाल को ऐसे बयान देने पर शर्म आनी चाहिए। उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है, NRC का मतलब सिर्फ उनके लिए है जो विदेश से आते हैं।
गौरतलब है कि असम में NRC लागू होने के बाद से देश के कई राज्यों में इसे लागू करने को लेकर सियासत शुरू हो गई है। इसी दौरान मनोज तिवारी ने भी दिल्ली में NRC को लागू करने की मांग की थी। तभी से बीजेपी और आम आदमी पार्टी में इस मसले को लेकर बहस छिड़ी हुई है। दरअसल, दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में ये मुद्दा लगातार तूल पकड़ रहा है।