अटल की जीवनगाथा ‘हार नहीं मानूंगा’ खूब बिकी

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नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)| चर्चित टीवी पत्रकार विजय त्रिवेदी की किताब ‘हार नहीं मानूंगा : एक अटल जीवन गाथा’ जो दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जिंदादिल किस्सों से भरी है, इस बार के हिंदी बेस्टसेलर की कथेतर (नॉन फिक्शन) सूची में शीर्ष पर है।

साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की आत्मकथा ‘मेरी जीवन यात्रा’ ने अनुवाद श्रेणी में शीर्ष स्थान जगह पाई है। इसी तरह युवा लेखक सत्य व्यास की पुस्तक ‘बनारस टॉकीज’ ने कथा (फिक्शन) सूची में शीर्ष स्थान पाया है, वहीं इसी श्रेणी में गीतकार गुलजार की पुस्तक ‘दो लोग’ दूसरे स्थान पर रही।


कविता विधा में इस वर्ष की पहली तिमाही से ही हिंदी बेस्टसेलर में शामिल रही है, मगर इसमें बॉलीवुड का बोलबाला रहा। गुलजार, जावेद अख्तर, पीयूष मिश्रा, राहत इंदौरी और विशाल भारद्वाज सरीखे सितारों की पुस्तकेंइस श्रेणी में छाई रहीं।

इस बार के हिंदी बेस्टसेलर में इसके अलावा विजय त्रिवेदी की ही पुस्तक ‘यदा यदा हि योगी : सत्ता के सिंहासन पर संन्यासी का एक साल’ नॉन फिक्शन में छठे स्थान पर है। यह किताब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पर केंद्रित है। अनुवाद श्रेणी में किंशुक नाग की किताब ‘नरेंद्र मोदी : एक राजनीतिक कथा’ पांचवें स्थान पर है।

हिंदी बेस्टसेलर की दूसरे वर्ष की दूसरी तिमाही की घोषणा दैनिक जागरण के मासिक कार्यक्रम सान्निध्य में रवींद्र भवन स्थित साहित्य अकादेमी सभागार में हुआ। दैनिक जागरण नील्सन बुकस्कैन बेस्टसेलर सूची में कथा, कथेतर, अनुवाद और कविता की चार श्रेणियों में 10-10 किताबों की सूची जारी की गई। यह हिंदी बेस्टसेलर सूची जुलाई-सितंबर 2018 तक की है।


सूची का अनावरण राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के अध्यक्ष प्रो. बल्देव भाई शर्मा, इंदिरा गांधी रास्ट्रीय कला केंद्र के सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी, केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक डॉ. नंदकिशोर पांडे और दैनिक जागरण के मुख्य महाप्रबंधक विनोद श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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