अयोध्या: राम जन्मभूमि परिसर में आतंकी हमले पर 14 साल बाद आया फैसला, 4 को उम्रकैद, एक बरी

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दिल्ली: तीन-तलाक के पहले मामले में अदालत ने आरोपी को दी जमानत

चौदह साल पहले 2005 में अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में हुए आतंकी हमले में मंगलवार को प्रयागराज की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया। नैनी सेंट्रल जेल में हुई सुनवाई में विशेष अदालत ने चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी को बरी कर दिया गया है। इन आरोपियों पर हमले की साजिश रचने का आरोप था, पिछले काफी समय से वह नैनी जेल में ही बंद थे। स्पेशल जज एससीएसटी दिनेश चंद ने मंगलवार को सेंट्रल जेल नैनी में यह आदेश दिया। मामले की सुनवाई नौ जून को पूरी कर निर्णय सुनाने के लिए 18 जून की तारीख तय की गई थी।

बता दें कि पांच जुलाई 2005 को सुबह करीब सवा नौ बजे अयोध्या में अधिगृहीत परिसर में असलहों से लैस आतंकी घुस गए थे। सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में पांच आतंकी मारे गए थे। इस दौरान दो निर्दोष लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। वहीं सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। आतंकी हमले के साजिशकर्ता अरशद को मौके पर ही मार गिराया गया था।


इसके बाद हुई जांच में आतंकियों को असलहों की सप्लाई और मदद करने में आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद व डॉ. इरफान का नाम सामने आया। सभी को गिरफ्तार कर पहले अयोध्या जेल में रखा गया। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय कारागार नैनी (प्रयागराज) में दाखिल कर दिया गया।

सुनवाई के बाद मंगलवार को साक्ष्य के अभाव में मो. अजीज को बरी किया गया जबकि आसिफ इकबाल, मो. नसीम, शकील अहमद व डॉ. इरफान को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। इसके अलावा उनपर 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है। इसके अलावा पांचवें आरोपी मोहम्मद अजीज को बरी कर दिया गया है। इस मामले में कुल 63 गवाहों ने अपने बयान दर्ज करवाए थे, जिसमें 14 पुलिसकर्मी थे। सुरक्षा कारणों से इस मामले की सुनवाई प्रतिदिन जेल में ही होती थी।


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