अयोध्या में निजी स्कूल की दरियादिली, 400 बच्चों की फीस माफ

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अयोध्या, 24 सितंबर (आईएएनएस)। कोरोना संकट में आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों को राहत देने के लिए राम की नगरी अयोध्या के एक निजी स्कूल सीबीएसई बोर्ड द्वारा संचालित ‘अमर पब्लिक स्कूल भीखापुर’ ने चार सौ छात्रों का शुल्क माफ कर दिया है। इतना ही नहीं स्कूल के सभी विद्यार्थियों की दाखिला फीस भी माफ करने को कहा है।

स्कूल के इस फैसले को जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) राजबहादुर सिंह चौहान ने सराहा है। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि कोरोना संकट के समय अमर पब्लिक स्कूल ने अपना धर्म निभाया है। इस स्कूल ने अभिभावकों को आर्थिक संकट को देखते हुए तीन माह अप्रैल, मई, जून की करीब 12 लाख रूपये माफ किये। इस विद्यालय की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है। यह अपने आप में इस महामारी के समय लिया गया एक बड़ा निर्णय है। यह हमारे जिले का बड़ा मॉडल उदाहरण है। इसे सभी जगह भेजा जाएगा।


अमर पब्लिक स्कूल के चेयरमैन ‘गिरीश पांडे डिप्पुल’ ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण ‘अमर पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत करीब चार सौ छात्र-छात्राओं के तीन माह का शुल्क माफ किया गया है।

चेयरमैन ने कहा कि स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 9 तक के बच्चों का अप्रैल, मई व जून माह का करीब 12 लाख रुपए शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण की वजह से हर कोई आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। अभिभावकों पर भी दोहरा बोझ है। इसलिए विद्यालय प्रबंधन ने अपने स्तर से अभिभावकों को थोड़ी राहत पहुंचाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इस अवधि में शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन निजी मद से दिया जा रहा है।

विद्यालय के निदेशक आशुतोष पांडे ने बताया कि इस बार तीन माह की शुल्क माफ करने के साथ ही किसी भी कक्षा में प्रवेश शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। परिवहन शुल्क शासन के निर्देशानुसार पूर्व में ही माफ किया गया है। इस संकट की घड़ी में विद्यालय परिवार प्रत्येक छात्र व अभिभावक के साथ है। समाज उत्थान के लिए ही विद्यालय की नींव रखी गई है।


इस दौरान यहां के अभिभावकों ने विद्यालय परिवार के इस निर्णय को सराहा है। अभिभावक शिवनारायण सोनी ने बताया कि कोराना संकट के समय हमारे बच्चे का तीन माह का शुल्क माफ करके बड़ी राहत दी गयी है।

राहुल सिंह ने बताया कि करीब 6 हजार की छूट मिली है। इसके लिए विद्यालय परिवार का दिल से आभार है। यही अन्य भी स्कूलों को भी करना चाहिए।

–आईएएनएस

विकेटी-एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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