अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में मध्यस्थता का आदेश

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सर्वोच्च न्यायालय का आदेश- मध्यस्थता से सुलझाया जाए अयोध्या विवाद

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद अयोध्या विवाद मामले को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति द्वारा मध्यस्थता का आदेश दिया है।

इस समिति के अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफ.एम.आई कलीफुल्ला होंगे और उनके साथ आर्ट ऑफ लीविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर व वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू इसके सदस्य होंगे।


मध्यस्थता का आदेश देते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति ए.ए.बोबडे, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण व न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर ने प्रिंट व विजुअल मीडिया दोनों को मध्यस्थता की कार्यवाही की रिपोर्टिग करने से वर्जित कर दिया।

अदालत ने मध्यस्थता प्रक्रिया में भाग ले रहे लोगों के मीडिया से बात करने पर भी रोक लगा दी।

मध्यस्थता की प्रक्रिया फैजाबाद में होगी और यह एक सप्ताह में शुरू होगी।


यह आदेश प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने सुनाया। इसके लिए उन्होंने कोई विशेष दिशा निर्देश नहीं जारी किया। उन्होंने कहा कि मध्यस्थ जरूरत पड़ने पर किसी भी तरह की कानूनी सहायता ले सकते हैं।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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