बाबरी मस्जिद के आरोपी 4 जून को अदालत में होंगे पेश

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लखनऊ, 29 मई (आईएएनएस)। बाबरी मस्जिद विध्वंस की सुनवाई कर रही विशेष सीबीआई अदालत 4 जून को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज करेगी।

अदालत अधिक से अधिक 32 आरोपियों के बयान दर्ज करेगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता एमएम जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, साक्षी महाराज, रामविलास वेदांती और बृजभूषण शरण सिंह शामिल हैं।


आडवाणी की उपस्थिति के चलते जोशी और उमा भारती को अगले निर्देश तक छूट प्रदान कर दी गई है और इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान होने वाली कठिनाइयों का हवाला देते हुए अन्य आरोपियों ने भी गुरुवार को अपने लिए छूट की दलील दी है।

अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि यदि लॉकडाउन बढ़ाया जाता है, तो आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा जा सकता है।

इस सुनवाई से अभियुक्तों को उनकी बेगुनाही को साबित करने का मौका मिलेगा और उनके खिलाफ अभियोजन एजेंसी सीबीआई के नेतृत्व में सबूतों में मौजूद भयावह परिस्थितियों को भी स्पष्ट करने में मदद मिलेगी।


इससे पहले, विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने अपने आदेश में दर्ज किया था कि सीबीआई ने अपने अभियोजन साक्ष्य को समाप्त कर दिया है और किसी भी अभियोजन साक्ष्य का नेतृत्व नहीं किया गया।

वास्तव में यह अभियोजन साक्ष्य 6 मार्च, 2020 को अपने आप ही पूरा हो गया और अदालत ने चंपत राय, लल्लू सिंह और प्रकाश शर्मा सहित कुछ आरोपियों को धारा 313 सीआरपीसी के तहत बयान दर्ज करने के लिए 24 मार्च को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट बंद होने के चलते कार्यवाही नहीं हो सकी।

इस बीच, जब 18 मई को अदालत को फिर से खोला गया, तो बचाव पक्ष के वकील ने उन्हें जिरह करने के लिए तीन अभियोजन पक्ष के गवाहों को बुलाने के लिए अर्जी दी। अदालत ने आवेदन को स्वीकारा और बुधवार को कार्यवाही पूरी की गई।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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