बांग्लादेश : स्वतंत्रता सेनानी के घर को ध्वस्त करने पर नाराजगी

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ढाका, 6 जनवरी (आईएएनएस)। बांग्लादेश के अल्पसंख्यक अधिकार संगठन ने बंगाली वकील और कांग्रेस के एक शीर्ष नेता दिवंगत जात्रा मोहन सेनगुप्ता के ऐतिहासिक घर को ध्वस्त करने का विरोध किया है।

परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता ने बुधवार सुबह आईएएनएस को बताया कि बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल या हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन ओकीयो परिषद ने 9 जनवरी को एक मानव श्रृंखला और विरोध रैली निकालने का निर्णय लिया है।


शहर के रहमतगंज इलाके में स्थित ऐतिहासिक घर के सामने के हिस्से में सोमवार की सुबह पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर चला दिया गया।

हालांकि, इसे राणा दासगुप्ता के नेतृत्व में चटग्राम के स्थानीय निवासियों के प्रतिरोध की वजह से रोक दिया गया।

जात्रा मोहन सेनगुप्ता का घर छत्तरग्राम के रहमतगंज इलाके में स्थित है।


बांग्लादेश के संविधान के अनुच्छेद 24 का उल्लेख करते हुए, राणा दासगुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि राज्य सभी स्मारकों या विशेष कलात्मक या ऐतिहासिक महत्व या रुचि के स्थानों को अपव्यय, क्षति या हटाने से सुरक्षा के लिए उपाय करेगा।

उन्होंने कहा, यह ऐतिहासिक रुचि का एक स्थान है, दूसरी ओर यह इमारत एक प्राचीन और सांस्कृतिक विरासत है। 7 जुलाई, 2018 को चटगांव के डीसी को इस ऐतिहासिक घर को बहाल करने का आदेश दिया गया था। फिर बांग्लादेश के सांस्कृतिक मंत्रालय ने ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त कराने के लिए लड़ने वाले नेताओं के घरों के पुनरुद्धार के लिए एक बड़ी परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार से ऐतिहासिक घर को संग्रहालय में बदलने की कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।

जात्रा मोहन सेनगुप्ता (1850-1919) चटगांव में एक क्रांतिकारी और कांग्रेस के अध्यक्ष थे।

उनके पुत्र देशप्रिया बैरिस्टर जतिंद्र मोहन सेनगुप्ता (1885-1933) कलकत्ता सिटी कॉरपोरेशन के पांच बार मेयर रहे, और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ने वाले शीर्ष क्रांतिकारियों में से एक भी थे।

–आईएएनएस

आरएचए/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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