कोरोना वायरस महामारी से बचने का कोई तरीका अभी तक ईजाद नहीं किया जा सका है। इसलिए हर कोई इस बीमारी के प्रति एक-दूसरे को जागरूक करने में लगा है, ताकि लोग कोरोना वायरस की चपेट में न आ सके। इसके बावजूद भी कुछ लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़ जा रहे हैं।
रतलाम में इन अंधविश्वासी भक्तों को ऐसा खामियाजा भुगतना पड़ा, जिसकी इन्होंने उम्मीद भी नहीं की थी। दरअसल, यहां के लोग कोरोना के लक्षण दिखने के बाद इलाज करवाने के लिए एक बाबा के पास जाते थे। लेकिन कुछ दिनों पहले बाबा की कोरोना से मौत हो गई है। ये खबर सुनते ही लोगों के होश उड़ गए।
दरअसल जो लोग भी बाबा के पास इलाज कराने गए थे, उनमें से ज्यादातर लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ रही है। अब रतलाम शहर में हड़कंप मचा हुआ है। रतलाम के नयापुरा इलाके में रहने वाला असलम बाबा लोगों का हाथ चूम कर इलाज करता था। अंधविश्वास के चक्कर में पड़ कर शहर के लोग उसके पास इलाज करवाने जाते थे।
असल में बाबा खुद ही कोरोना से संक्रमित था, उसके बाद भी वह लोगों से मिलता रहा था। 4 जून को असलम बाबा की मौत हो गई। बाबा के संपर्क में आए उन सभी लोगों के होश उड़े हुए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार बाबा के संपर्क में आए 19 लोगों की रिपोर्ट अब तक कोरोना पॉजिटिव आई है।
इस खबर के मिलते हुए तुंरत हरकत में आते हुए जिला प्रशासन ने 29 बाबाओं को क्वारंटीन भी किया है। रतलाम शहर में 24 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। 24 में से 13 लोग नयापुरा इलाके के थे, जो बाबा के संपर्क में आए थे। बाबा के संपर्क में आने के बाद नयापुरा इलाके में खलबली मची हुई है।
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक अनुसार बाबा हाथ चूम कर कोरोना का इलाज करता था। वह तंत्र-मंत्र के जरिए कोरोना भगाने का दावा करता था। 4 जून को बाबा की कोरोना से मौत हुई, उसके बाद इसके संपर्क में आए लोगों की पड़ताल शुरू की गई, जिसमें से 7 जून को 6 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
नोडल अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति ने बताया कि पहली बार 24 संक्रमित एक साथ सामने आए हैं। इनमें अधिकांश बाबा के संपर्क में आए थे। लोग बाबा से कोरोना के लिए झाड़ फूंक कराने भी गए थे। जिले में अब तक 35 मरीजों को छुट्टी दे दी गई है वहीं चार की मौत हो चुकी है।