बैंक जमा पर बढ़ाई गई गारंटी सीमा को 66 फीसदी लोगों ने पर्याप्त माना : आईएएनएस-सीवोटर सर्वेक्षण

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नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)| वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बैंक में जमा राशि पर गारंटी सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की। बजट के बाद आईएएनएस-सीवोटर के सर्वे से पता चलता है कि अधिकांश लोग इससे खुश हैं और 66 प्रतिशत लोगों ने इसे एक अच्छा कदम बताया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को, बैंक में जमा राशि पर गारंटी सीमा मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की घोषणा की। यह फैसला पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) में हाल ही में हुए घोटाले के बाद आया है, जहां हजारों जमाकर्ताओं ने अपना पैसा खो दिया।

इस निर्णय की बहुत सराहना की जा रही है, क्योंकि सरकार और आरबीआई दोनों को पिछले कुछ महीनों में एक लाख रुपये की गारंटी देने पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है।


सर्वेक्षण दर्शाता है कि लगभग 23.8 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भले ही यह फैसला अच्छा है, लेकिन अधिक करने की जरूरत है।

हालांकि, लगभग 6.7 प्रतिशत लोगों को लगता है कि बढ़ी हुई राशि अभी भी बहुत कम है। वहीं, 3.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे राय नहीं दे सकते हैं।

जमा राशि पर गारंटी बढ़ाने के निर्णय को विशुद्ध रूप से 59.4 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला।


सर्वेक्षण में 1,200 से अधिक लोगों को शामिल किया गया।

स्टार्टअप की टर्नओवर की सीमा बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये तक करने पर, सर्वेक्षण से पता चला है कि 57.2 प्रतिशत लोगों ने माना कि यह एक अच्छा निर्णय है और आवश्यकता को पूरा करता है।

लगभग 25.1 प्रतिशत ने महसूस किया कि, यह अच्छा है लेकिन अभी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है, जबकि 10.2 प्रतिशत लोगों ने इसे एक खराब निर्णय बताया और कहा कि यह आवश्यकता से बहुत कम है।

वहीं, 7.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इसका जवाब नहीं दे सकते हैं।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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