B’day Special: ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का 1 जनवरी को जन्मदिन है। अपने बर्थडे के साथ वे न्यू ईयर सेलिब्रेशन (New year celebration) भी करते हैं। राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के 50वें जन्मदिन के अवसर पर एक जनवरी को ग्वालियर जिले के 51 मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ कराया जाएगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की लंबी आयु की कामना के साथ सुबह 9 से 11 बजे तक शहर व ग्रामीण प्रमुख 51 मंदिरों में सुंदरकांड पाठ का आयोजन होगा।
बुधवार को पड़ाव स्थित होटल में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। जहां पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, रामबरन सिंह गुर्जर, किशन मुदगल, नवीन परांडे, सुरेंद्र शर्मा, गौरव घोसले, रामनारायण मिश्रा, गुड्डू वारसी, उमाशंकर सोनी ने बताया कि 51 मंदिरों में आयोजन के लिए 51 प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। सिंधिया के जन्मदिन पर ग्वालियर अंचल को अपना विशेष योगदान देने वाले हर वर्ग व क्षेत्र के 50 गणमान्य नागरिकों को दोपहर 12 बजे मुदगल पायगा माधवगंज में सम्मानित किया जाएगा। शाम पांच बजे महाराज बाड़े पर सिंधिया के जन्मदिन के अवसर पर 50 किलो मिठाई वितरित की जाएगी, 30 पोंड का केक काटा जाएगा। साथ ही ढाेल-नगाड़े की धुन पर अतिशबाजी होगी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व मंत्री माया सिंह, अनूप मिश्रा, इमरती देवी आदि मौजूद रहेंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने थामा बीजेपी का दामन
इंक लीडरशिप से असहमति का हवाला देते हुए, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च 2020 को बीजेपी में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी। पार्टी ने तब एक बयान जारी किया, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के लिए निष्कासित कर दिया था।
वह बाद में 11 मार्च 2020 को बीजेपी में शामिल हो गए, वह भारत में क्षेत्रीय मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के अध्यक्ष हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक करियर
ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने अपने करियर की शुरुआत राजनीतिक क्षेत्र से की थी और यह करियर की शुरुआत उनके पिता की मृत्यु के बाद शुरू हुई थी। वर्ष 2002 में अचानक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में माधवराव सिंधिया यानी के ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता का स्वर्गवास हो गया था और तभी से ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने अपने पिता जी के संसदीय क्षेत्र गुना से उनके स्थान पर चुनाव लड़ने का निश्चय किया था और वहां की जनता को भी यह निर्णय बहुत ही पसंद आया था।
जैसा कि गुना क्षेत्र सिंधिया परिवार का बहुत मजबूत क्षेत्र रहा है और यही वजह है, कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को 2002 में लोकसभा चुनाव में बहुत ही भारी मतों से विजय प्राप्त हुई थी। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना क्षेत्र से सांसद के रूप में उभर के आए तब उन्होंने भारत सरकार की केंद्र की सहायता से अपने गुना क्षेत्र में बहुत से विकास कार्य किए और यह विकास कार्य गुना क्षेत्र की जनता को बहुत पसंद आई और हमेशा हमेशा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया वहां के निवासियों के दिल में बस गए हैं। वर्ष 2002 से वर्ष 2014 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया जी हमेशा से लोकसभा के चुनाव को जीतते आ रहे थे, परंतु उनके ही सहयोगी कृष्ण पाल सिंह यादव ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में पराजय का मुंह दिखा दिया था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार (Family)
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया बहुत ही लोकप्रिय एवं जनकल्याण वाले स्वभाव के राजनेता हुआ करते थे और इनकी माता माधवी राजे सिंधिया अपने पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया से बहुत ही प्रेम किया करती है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक बहन भी है, जिनका नाम चित्रांगदा राजे सिंधिया है।
प्रियदर्शनी राजे सिंधिया एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया का विवाह 12 दिसंबर 1994 में संपन्न हुआ था और इनको एक बेटा एवं एक बेटी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का घराना राजशाही है। यह 400 वाले कमरों के महल में रहने वाले व्यक्ति है।