भाजपा ने पित्रोदा की टिप्पणी पर सोनिया, राहुल से माफी की मांग की

  • Follow Newsd Hindi On  

 नई दिल्ली, 10 मई (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की 1984 के सिख विरोधी दंगों पर टिप्पणी को लेकर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग की।

 केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने निवास पर मीडिया से कहा, “हमारी मांग है कि सोनिया गांधी व राहुल गांधी, सैम पित्रोदा की बदतर टिप्पणियों के लिए माफी मांगें, जिसने देश के लोगों को आहत किया है।”


पित्रोदा ने गुरुवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से पल्ला झाड़ते हुए कहा, “यह 1984 में हुआ, जो हुआ वह हुआ?”

अपनी टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद पित्रोदा ने शुक्रवार को भाजपा पर लोगों को बांटने व अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए अपनी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। पित्रोदी ने कहा था कि 1984 में जो हुआ वह हुआ, आपने (भाजपा ने) पांच साल में क्या किया, उसकी बात कीजिए।

उन्होंने श्रृंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, “मैं 1984 के मुश्किल समय के दौरान अपने सिख भाइयों व बहनों के दर्द को स्वीकार करता हूं और जो अत्याचार हुआ उसे गहराई से महसूस करता हूं। लेकिन, यह अतीत की बात है और यह इस चुनाव के लिए प्रासंगिक नहीं है। यह मोदी सरकार के बीते पांच सालों में किए गए कार्यो के बारे में है। राजीव गांधी व राहुल गांधी पंथ के आधार पर किसी समूह को कभी निशाना नहीं बनाएंगे।”


पित्रोदा के स्पष्टीकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि पित्रोदा का स्पष्टीकरण और ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि वह सिख समुदाय के दर्द को स्वीकार करते हुए कह रहे हैं कि यह आज प्रासंगिक नहीं है।

उन्होंने कहा, “जब सिखों को न्याय नहीं मिला है तो आज यह कैसे प्रासंगिक नहीं है। यह आज प्रासंगिक है क्योंकि यह अत्याचारों की अनसुलझी दास्तान है और अगर सिखों के खिलाफ अत्याचार व नरसंहार आने वाले कल में प्रासंगिक नहीं हैं तो सैम पित्रोदा कहेंगे कि विभाजन प्रासंगिक नहीं है, कश्मीरी पंडितों का नस्लीय सफाया प्रासंगिक नहीं है।”

जावड़ेकर ने कहा, “वह कहेंगे कि शाहबानो मामले में सांप्रदायिक राजनीति भी आज प्रासंगिक नहीं है। यह प्रासंगिक है क्योंकि इन मुद्दों का सामना राष्ट्र ने किया है और राष्ट्र को चुनाव के दौरान इन पर बहस करना है।”

जावड़ेकर ने सैम पित्रोदा द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी व राहुल गांधी कभी पंथ के आधार पर किसी समूह को निशाना नहीं बनाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्या पित्रोदा, राजीव गांधी द्वारा नरसंहार के इस औचित्य का स्पष्टीकरण देंगे कि ‘जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती कांपती है।’

उन्होंने कहा, “क्या यह नरसंहार का समर्थन नहीं है।”

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)