भारत के 26 प्रतिशत लोगों को लगता है कि तिब्बत में मानवाधिकारकी स्थिति बहुत खराब है : सर्वे

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नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। भारत के लगभग 26 प्रतिशत लोगों को लगता है कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत खराब है, जबकि केवल 8.2 प्रतिशत लोगों का मानना है तिब्बत में मानवाधिकार की सही स्थिति बहुत अच्छी है। यह बात बुधवार को एक सर्वेक्षण में सामने आई है।

देश भर के सभी 543 संसदीय क्षेत्रों में पिछले साल 25 दिसंबर से 3,000 लोगों पर किए गए आईएएनएस सी-वोटर सर्वेक्षण के अनुसार, 25.8 प्रतिशत भारतीयों ने महसूस किया है कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत खराब है, जबकि 20.7 प्रतिशत लोग महसूस करते हैं कि देश में मानवाधिकारों की स्थिति काफी हद तक खराब है।


सर्वेक्षण में सामने आए नतीजों से पता चला है कि 8.2 प्रतिशत लोगों को लगता है कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत अच्छी है और 18.2 प्रतिशत लोगों का मानना है कि वहां पर मानवाधिकारों की स्थिति काफी हद तक अच्छी है। इसके अलावा इस मुद्दे पर 27.1 प्रतिशत लोगों ने कोई टिप्पणी नहीं की।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 27.2 प्रतिशत पुरुष और 24.4 प्रतिशत महिलाएं महसूस करती हैं कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत खराब है। इसके बाद 19.4 प्रतिशत पुरुष और 22 प्रतिशत महिलाएं महसूस करती हैं कि देश में मानवाधिकारों की स्थिति काफी हद तक खराब है।

सर्वे में पता चला है कि केवल 8.6 प्रतिशत पुरुष और 7.6 प्रतिशत महिलाओं ने महसूस किया कि तिब्बत में मानव अधिकारों को लेकर स्थिति बहुत अच्छी है। जबकि 17.2 प्रतिशत पुरुष और 19.4 प्रतिशत महिलाएं महसूस करती हैं कि वहां मानवाधिकार की स्थिति काफी हद तक अच्छी है।


सर्वेक्षण में शामिल विभिन्न उम्र के लोगों को वर्गों में विभाजित करके देखा जाए तो नतीजों में सामने आया कि 45-54 आयु वर्ग में 29.1 प्रतिशत लोग महसूस करते हैं कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत खराब है। इसके अलावा 25-34 आयु वर्ग के 26.3 प्रतिशत लोग और 55 साल से ऊपर के 26 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि मानवाधिकारों की स्थिति बहुत खराब है।

अगर शिक्षा के पैमाने से देखा जाए तो उच्च शिक्षा प्राप्त 31.3 प्रतिशत लोग और मध्यम शिक्षा वाले 25.1 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि तिब्बत में मानव अधिकारों की स्थिति बहुत खराब है, जबकि कम शिक्षा प्राप्त करने वाले 10.9 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वहां मानवाधिकार की स्थिति बहुत अच्छी है।

इसी तरह, उच्च आय वाले 35.1 प्रतिशत लोगों ने महसूस किया कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत खराब है, जबकि 9.1 प्रतिशत निम्न आय वर्ग के लोगों को लगता है कि देश में मानवाधिकार की स्थिति बहुत अच्छी है।

वहीं अगर धर्म के लिए लिहाज से देखा जाए तो सर्वे में शामिल 28.7 प्रतिशत मुस्लिम और 27.3 प्रतिशत उच्च जाति से संबंध रखने वाले हिंदुओं को लगता है कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत खराब है।

वहीं अन्य सामाजिक समूह के 12.7 प्रतिशत लोगों को लगता है कि तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति बहुत अच्छी है। इसके बाद 9.1 प्रतिशत उच्च जाति से संबंध रखने वाले हिंदुओं का मानना है कि वहां नागरिकों के अधिकारों की स्थिति बहुत अच्छी है।

सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि भारत के शहरों में रहने वाले 30.9 प्रतिशत लोग और 23.7 प्रतिशत ग्रामीण लोगों को लगता है कि तिब्बत में मानव अधिकारों की स्थिति बहुत खराब है।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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