भारत के गलत मानचित्र को लेकर सरकार ने ट्विटर को दी चेतावनी

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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत सरकार ने देश का मानचित्र गलत ढंग से पेश करने को लेकर ट्विटर को सख्त चेतावनी दी है। भारत सरकार ने ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी को सख्त लहजे में एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि देश की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने का ट्विटर का हर प्रयास पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

आईटी मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने ट्विटर को पत्र लिखकर यह सख्त चेतावनी दी है।


जम्मू-कश्मीर को चीन के हिस्से के रूप में गलत दिखाने के बाद सरकार ने यह पत्र लिखा है।

ट्विटर ने यह गलती किए जाने के बाद में कहा कि इसने ‘तकनीकी समस्या’ को तुरंत हल कर दिया।

ट्विटर के प्रवक्ता ने एक बयान में इस सप्ताह की शुरुआत में आईएएनएस से कहा, “हम रविवार को इस तकनीकी मुद्दे से अवगत हुए। हम इसकी संवेदनशीलता को समझते हैं और इसका सम्मान करते हैं। टीमों ने इसका पता लगाकर तेजी से संबंधित जियोटैग मुद्दे को हल करने के लिए काम किया है।”


दरअसल, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने लोकेशन को लेकर बड़ी गलती करते हुए जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा बता दिया था। ट्विटर की इस हरकत के बाद सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा। ट्विटर इंडिया ने लाइव लोकेशन (जियो टैग) में जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा दिखाने पर भारत के लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया।

लेह के युद्ध स्मारक हॉल ऑफ फेम से ट्विटर पर लाइव होने के बाद इस मुद्दे को सबसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक नितिन गोखले ने ध्यान में लाया।

इस दौरान उन्होंने जो देखा, वो वाकई हैरान करने वाला था। गोखले ट्विटर पर लाइव होकर लोगों को हिमाचल प्रदेश से एक नए रास्ते से लद्दाख पहुंचने के अपने अनुभव के बारे में बताने लगे। कार्यक्रम को पूरा करने के बाद, उन्होंने पाया कि युद्ध स्मारक के स्थान को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के रूप में दिखाया गया था।

साहनी ने अपने पत्र में ट्विटर को याद दिलाया है कि लेह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का मुख्यालय है। पत्र में कहा गया है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दोनों भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं तथा भारत के संविधान से प्रशासित हैं।

भारत सरकार ने ट्विटर को भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने को कहा है।

आईटी सचिव साहनी ने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रयास ना सिर्फ ट्विटर की प्रतिष्ठा को कम करता है, बल्कि यह एक माध्यम होने के नाते ट्विटर की निष्पक्षता को भी संदिग्ध बनाता है।

–आईएएनएस

एकेके/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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