भारत की रक्षा महत्वाकांक्षा किसी देश के खिलाफ नहीं : प्रधानमंत्री

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लखनऊ, 5 फरवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत विश्व शांति का पक्षधर रहा है। आज दुनियाभर में 6 हजार से ज्यादा भारतीय सैनिक विश्व शांति स्थापना समूह का हिस्सा है। भारत की डिफेंस महत्वाकांक्षा किसी देश के खिलाफ नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डिफेंस एक्सपो के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, “हमारे ऊपर अपने देश के साथ पड़ोस के अन्य देशों को सुरक्षा देना हमारी अपनी जिम्मेदारी है। भारत की रक्षा महत्वाकांक्षा किसी देश के खिलाफ नहीं है। भारत में रक्षा विनिर्माण को बढ़ाने के लिए नए लक्ष्य रखे गए हैं। इसके लिए कम से कम दो सौ नए डिफेंस स्टार्टअप्स की शुरुआत का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, भारत की स्पेस तकनीक देश की जनता की सेवा करने के लिए काम कर रही है।”


मोदी ने कहा, “उत्तरप्रदेश देश का सबसे महत्वपूर्ण राज्य तो है ही आने वाले समय में प्रदेश रक्षा उपकरणों का हब बनेगा। यह डिफेंस एक्सपो अब तक का सबसे बड़ा एक्सपो है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्रालय व योगी सरकार को भी एक्सपो आयोजन की बधाई दी।

मोदी ने कहा, “तकनीक का गलत इस्तेमाल और आतंकवाद को देखते हुए दुनिया के तमाम देश अपनी रक्षा तकनीक को आगे बढ़ा रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। विकास की जब भारत की बात होती है तो दुनिया की नजर भारत की तरफ उठती है। आज का यह आयोजन भारत की विश्व में भागीदारी का प्रमाण है। रक्षा व अर्थव्यवस्था की जानकारी रखने वाले जानते हैं कि भारत सिर्फ एक बाजार ही नहीं, बल्कि विश्व के लिए एक अवसर है।”


प्रधानमंत्री ने कहा, “2014 के बाद हमने स्थिति में बदलाव के लिए एक के बाद एक नीतिगत सुधार किए हैं। पिछले 5 वर्षो में ‘इज ऑफ डूइंग’ बिजनेस में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है। यह रक्षा क्षेत्र में भी मदद कर रहा है। ‘मेक इन इंडिया फॉर इंडिया और फॉर द वल्र्ड’ आज भारत का मंत्र है।”

मोदी ने कहा, “हमारी कोशिश है कि आने वाले पांच साल में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के करीब 25 रक्षा उत्पाद विकसित किए जाएं। बीते पांच वर्षों में डिफेंस के क्षेत्र में तेजी आई है। 2014 के बाद बड़ी संख्या में डिफेंस लाइसेंस विकसित किए गए हैं। आने वाले पांच वर्षों में डिफेंस एक्सपोर्ट को 35 हजार करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया की दूसरी बड़ी आबादी दुनिया की दूसरी बड़ी सेना और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कब तक सिर्फ और सिर्फ आयात के भरोसे रह सकता था। आधुनिक शस्त्रों के विकास के लिए दो प्रमुख आवश्यकताएं हैं- शोध और विकास की उच्च क्षमता और उन शस्त्रों का उत्पादन। बीते 5.6 वर्षो में हमारी सरकार ने इसे अपनी राष्ट्रनीति का प्रमुख अंग बनाया है।”

मोदी ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत में रक्षा उत्पादों के स्वदेशीकरण का सपना देखा था और इसके लिए कई कदम उठाए थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विजन पर चलते हुए भारत ने अनेक रक्षा उत्पादों के निर्माण में तेजी हासिल की। 2014 तक यहां सिर्फ 217 डिफेंस लाइसेंस दिए गए थे। बीते 5 वर्षों में ये संख्या 460 हो गई है। यानी दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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