भारत में जामिया और अमेरिकी विश्वविद्यालय मिलकर करेंगे रिसर्च

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नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। जामिया मिलिया इस्लामिया के भूगोल विभाग के प्रोजेक्ट को अमेरिकी विश्वविद्यालय ने मान्यता दी है। जामिया प्रोफेसर डॉ. प्रवीण कुमार पाठक और फ्रेडरिक एस पारडी स्कूल ऑफ ग्लोबल स्टडीज में सहायक प्रोफेसर तथा बोस्टन विश्वविद्यालय के मून कैपिटल इनिशटिव के निदेशक डॉ. महेश कर्रा के एक सहयोगात्मक प्रोजेक्ट प्रस्ताव को बोस्टन विश्वविद्यालय के वैश्विक कार्यक्रम बीयूएफआई (2020) को सीड फंड से पुरस्कृत किया गया है।

इसके तहत महिलाओं के सामाजिक नेटवर्क के प्रायोगिक साक्ष्य, प्रजनन स्वास्थ्य और ग्रामीण भारत में कल्याण स्थिति जैसे विषयों पर शोध होगा।


इस सहयोगात्मक शोध में दो अन्य लोग भी शामिल हैं। ये हैं, वाशिंगटन डीसी में वल्र्ड बैंक के डेवलपमेंट रिसर्च ग्रुप में अर्थशास्त्री, डॉ. एस अनुकृति और यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस-उरबाना कंपेन, यूएसए में एग्रीकल्चर एंड कंज्यूमर इकोनॉमिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कैटलिना हेरेरा-अलमान्जा।

जामिया विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने कहा, अध्ययन का उद्देश्य भारत में कम आय वाले लोगों में सामाजिक नेटवर्क के माध्यम से प्रजनन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए नवीनतम और कम लागत वाली कारगर रणनीतियों की पहचान करना है। इस अध्ययन का मकसद भारत के जौनपुर, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और कल्याण योजनाओं की पड़ताल करना है।

डॉ. पाठक और भारत में उनकी टीम इस अध्ययन के लिए स्थानीय शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और चिकित्सकों से मुलाकात करके हालात को समझेगी और उनके साथ वर्कशॉप का आयोजन करेगी। उनका उद्देश्य भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, जौनपुर जिला मंडल और उप-मंडल मजिस्ट्रेटों, इस जिले के आशा कर्मियों, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, वाराणसी और जामिया को अपने निष्कर्षो से अवगत कराना है।


–आईएएनएस

जीसीबी/एएनएम

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