8 जनवरी को भारत बंद से कई सेवाएं होंगी प्रभावित, बैंकों में ठप रहेगा काम, जानें अहम बातें

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Banks will be closed these days in October see full list of holidays here

सरकार की ‘जन-विरोधी’ नीतियों के खिलाफ 8 जनवरी को 10 ट्रेड यूनियन की तरफ से भारत बंद का ऐलान किया गया है। छह बैंक यूनियन ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। ट्रेड यूनियन्स की तरफ से संयुक्त बयान में कहा गया है कि देशव्यापी हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। जिसके कारण बैंकिंग के कामकाज पर असर होगा। बैंक बंद रहने का असर एटीएम पर भी होगा और 8-9 जनवरी को एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है। इस दौरान सार्वजनिक परिवहन, दूध व सब्जी आदि का सप्लाई भी प्रभावित हो सकता है। भारत बंद से जुड़े इन प्रमुख बातों को जानना जरूरी है:

10 ट्रेड यूनियन से जुड़े 25 करोड़ लोग होंगे शामिल

8 जनवरी को बुलाए गए भारत बंद में INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC और कई अन्य सेक्टोरल इंडिपेंडेंट फेडरेशन और असोसिएशन्स हड़ताल में शामिल हैं। इसके अलावा 60 स्टूडेंट यूनियन यूनिवर्सिटीज के अधिकारियों ने भी हड़ताल का हिस्सा बनने का ऐलान किया है। ये शिक्षा संस्थानों में फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के व्यापारीकरण का विरोध करेंगे।


6 बैंक यूनियन भी शामिल

छह बैंक यूनियन- ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयी असोसिएशन (AIBEA),ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स असोसिएशन (AIBOA), BEFI, INBEF, INBOC और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ (BKSM) ने भी कहा है कि वे इस देशव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे। जो बैंक यूनियन समर्थन कर रहे हैं, उनके समर्थित बैंक कल बंद रहेंगे।

बैंकों का कामकाज होगा प्रभावित

बैंक कर्मचारी बैंक मर्जर के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। इसी वजह से वे हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। इससे बैंक के कामकाज पर असर पड़ेगा और ज्यादातर बैंक बंद रहेंगे। कैश का डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हो पाने के कारण एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है। कैश किल्लत की समस्य 9 जनवरी को भी बनी रह सकती है। इसके साथ ही बैंक से कैश निकासी और जमा करना संभव नहीं होगा। इसके अलावा चेक क्लियरिंग का काम भी नहीं होगा। हालांकि ऑनलाइन बैंकिंग के कामकाज पर किसी तरह का असर नहीं होगा। कई बैंक शेयर बाजार को जानकारी दे चुके हैं कि वे आठ जनवरी को बंद रहेंगे। हालाँकि, इस हड़ताल का प्राइवेट बैंक पर कोई असर नहीं होगा।

दूध-सब्जी से लेकर के सार्वजनिक परिवहन पर पड़ेगा असर

हड़ताल की वजह से लोगों को दूध, सब्जी, दवाएं आदि भी मिलने में मुश्किल हो सकती है। वहीं सार्वजनिक परिवहन जैसे कि टैक्सी, ऑटो, बस आदि की सेवाओं पर असर पड़ सकता है, जिससे सभी तरह के रेल, सड़क और हवाई यात्रियों को परेशानी हो सकती है। इस दौरान निजी वाहनों से ही सफर किया जा सकता है।


भारत बंद के पीछे मकसद क्या है?

केंद्र सरकार की आर्थिक और जन विरोधी नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियन्स की तरफ से हड़ताल का आयोजन किया गया है। इसके अलावा वे प्रस्तावित लेबर लॉ का भी विरोध कर रहे हैं। ट्रेड यूनियनों के बयान में कहा गया है कि श्रम मंत्रालय ने 2 जनवरी, 2020 को बैठक बुलाई थी, लेकिन वह अब तक श्रमिकों की किसी भी मांग पर आश्वासन देने में विफल रहा है। सरकार का यह रवैया श्रमिकों के प्रति अवमानना का है। इसके अलावा, बढ़ी फीस और शिक्षा के व्यावसायीकरण के खिलाफ 60 छात्र संगठन और कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारी भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।

ट्रेड यूनियनों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा और अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में ऐसी घटनाओं की निंदा की है। उन्होंने जुलाई, 2015 से एक भी भारतीय श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं होने पर नाराजगी जताई। साथ ही श्रम कानूनों की संहिता बनाने और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का भी विरोध किया है।


ट्रेड यूनियन अधिनियम में संशोधन को मंजूरी

ट्रेड यूनियनों की 8 जनवरी को हड़ताल, एमडीएमके, द्रमुक का समर्थन

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