दिल्ली की एक अदालत ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उपचार कराने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन को आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह व्यक्ति की जान बचाए, चाहे वह जेल में हो या जेल के बाहर। चंद्रशेखर आजाद को पॉलिसीथीमिया यानी खून से संबंधित एक बीमारी है। जेल में जाने के बाद उनकी तबीयत खराब बताई जा रही थी। उनके समर्थक तो ये भी दावा कर रहे थे कि उन्हें हार्ट अटैक का भी खतरा है।
A Delhi court directs Tihar jail authorities to provide treatment to Bhim Army chief Chandrashekhar Azad at All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) for polycythemia (a blood related medical condition). https://t.co/LGP7VTsTGN
— ANI (@ANI) January 9, 2020
चंद्रशेखर के वकीलों ने उनकी तत्काल चिकित्सा उपचार की मांग करते हुए तीस हजारी कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। आजाद के फिजिशियन डॉ हरजीत सिंह भट्टी ने बीते दिनों इसे लेकर ट्वीट भी किया था। उन्होंने बताया कि आजाद एक ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिनमें उनमें हर दो हफ्तों में इलाज के लिए एम्स जाना पड़ता है। अगर उन्हें ये इलाज नहीं मिलती है तो अचानक कार्डियाक अरेस्ट से उनकी जान भी जा सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि आजाद पिछले एक साल से इस बीमारी का इलाज करा रहे हैं।
CAA के विरोध में किया था प्रदर्शन
बता दें कि भीम आर्मी के चीफ दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए थे। पुलिस ने आरोप लगाया कि उन्होंने बिना इजाजत प्रदर्शन किया और लोगों को भड़काने का काम किया। इस दौरान दरियागंज हिंसा के मामले में पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी, लेकिन समर्थकों ने उन्हें गिरफ्तार होने से बचा लिया था। लेकिन अगले दिन चंद्रशेखर ने पुलिस के सामने खुद ही सरेंडर कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।