भूकंप पर असंवेदनशील टिप्पणी करने पर ट्रोल हुईं इमरान की सलाहकार

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इस्लामाबाद, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सूचना एवं प्रसारण मामलों की विशेष सलाहकार डॉ. फिरदौस आशिक अवान भूकंप पर अपनी एक टिप्पणी से लोगों के निशाने पर आ गई हैं। पाकिस्तान में मंगलवार को भूकंप के तेज झटकों ने भारी तबाही मचाई। जिस वक्त यह भूकंप आया, अवान इस्लामाबाद में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उस वक्त उन्हें झटके लगे लेकिन स्वाभाविक है कि उन्हें इसका अहसास नहीं था कि इसने कितनी तबाही मचाई है, फिर भी अपनी बात की रौ में वह भूकंप जैसे गंभीर खतरे पर भी हंसी-मजाक कर बैठीं।

इमरान की पार्टी तहरीके इंसाफ पाकिस्तान देश में व्यवस्था में तब्दीली (परिवर्तन) के वादे के साथ सत्ता में आई है। इसी संदर्भ में अवान ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “यह निशानी है कि जब कोई तब्दीली आती है तो धरती भी बेचैन होती है। यह तब्दीली की निशानी है कि जमीन ने भी करवट बदली है। इसको भी इतनी जल्दी यह तब्दीली कबूल नहीं है।”


इस टिप्पणी की सोशल मीडिया पर आलोचना हुई। लोगों ने लिखा कि सही है कि उन्हें तबाही के बारे में पता नहीं था, लेकिन भूकंप किसी भी हालत में हंसी-मजाक का मुद्दा नहीं हो सकता। विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की नेता शेरी रहमान ने भी इसकी आलोचना की। एक यूजर ने लिखा कि क्या हम इसे लतीफा समझें?

एक पत्रकार वसीम अब्बासी ने अवान के बयान की ट्विटर पर आलोचना की। इस पर वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने तंज कसा, “अरे, दो टके के गुस्ताख पत्रकार, तुम एक ऐसी सम्मानीय हस्ती (अवान) की शान में गुस्ताखी कर रहे हो जिसका एक-एक सूट दो लाख का होता है, जिसका एक दुपट्टा तुम्हारे एक महीने के वेतन के बराबर है।”

आलोचनाओं की बाढ़ के बीच पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने अवान के बयान पर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि तय ही है कि ऐसे बयानों का सरकार से कोई लेना-देना नहीं होता लेकिन सरकार का मतलब सामूहिक जिम्मेदारी होता है। वह अवान के ‘असंवेदनशील व गैरजरूरी’ बयान पर माफी मांगती हैं।


इसके बाद अवान खुद सामने आईं और ट्वीट कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि भूकंप आया और वहां मौजूद लोग डर गए। लोगों में हौसला भरने और माहौल को सामान्य करने के लिए उन्होंने वह बात कह दी थी। अब इसी बात को संदर्भ से काटकर फैलाया जा रहा है जिसकी वह निंदा करती हैं।

 

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